कबीर मिशन समाचार पत्र शाजापुर
शाजापुर में महिलाओं को प्रसव के लिए अन्य जिले में जाकर परेशान न होना पड़े इसको लेकर कुछ माह पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शाजापुर जिला मुख्यालय पर 20 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित मातृ-शिशु स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण किया था। हालांकि बावजूद इसके जिला अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सक लगातार गर्भवती महिलाओं को जटिलता का हवाला देकर रेफर कर रही हैं।
जबकि रेफर महिलाओं का इंदौर पहुंचने तथा रास्ते में ही सामान्य प्रसव हो रहा है। महिला चिकित्सकों की इस हरकत के कारण गर्भवती और उनके परिजनों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है जिला अस्पताल में समस्त सुविधाएं होने के बावजूद गर्भवती महिलाओं को जटिलता के नाम पर इंदौर रेफर किया जा रहा है। गुरुवार रात करीब 12 बजे भी ग्राम अजमेरी निवासी अनिता पति धर्मेंद्र को जटिलता का हवाला देकर इंदौर रैफर कर दिया गया।
शाजापुर अस्पताल से गर्भवती को इंदौर ले जाने के लिए 108 पर कॉल किया गया। सूचना मिलने पर एम्बुलेंस 108 अस्पताल पहुंची और गर्भवती महिला को इंदौर के लिए लेकर रवाना हुई, तभी इंदौर बाइपास पर अनिता को अत्यधिक प्रसव पीड़ा हुई, जिस पर ईएमटी गौतम बैरागी और पायलट साबिर खान ने महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, जिसके बाद जच्चा और बच्चा दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
नहीं सुधर रही स्वास्थ्य सेवाएं
गौरतलब है कि शाजापुर जिला अस्पताल में जटिलता होने पर ऑपरेशन के माध्यम से प्रसव कराने की भी सुविधा है। हालांकि, इसके बाद भी शाजापुर जिला अस्पताल पहुंचने वाली अधिकांश गर्भवती महिलाओं को जटिलता के नाम पर इंदौर का रास्ता दिखाया जा रहा है। जबकि शाजापुर अस्पताल से रैफर होकर इंदौर पहुंचने पर गर्भवती महिलाओं का सामान्य प्रसव ही हो रहा है।
ऐसे में अस्पताल प्रबंधन की उदासीन कार्य शैली उजागर होने के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों की बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए की जाने वाली मॉनिटरिंग पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं? यही कारण है कि अब एक गर्भवती का एम्बुलेंस में सामान्य प्रसव हुआ है, जबकि उसे इंदौर रेफर किया गया था।