सीएमएचओ के निर्देशन में स्वास्थ्य दल ने शहरी अस्पताल और नर्सिंग होम का किया निरीक्षण।
दतिया से विकास वर्मा की रिपोर्ट।
दतिया प्रदेश की चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने और नागरिकों को उचित दर पर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है
, बावजूद इसके प्रदेश में संचालित अधिकांश प्राइवेट अस्पताल मरीजों से मनमानी रकम वसूलते हैं।अस्पताल की सुविधाओं से लेकर ऑपरेशन तक उनके अपने रेट हैं, लेकिन अब सरकार इस पर सख्त हो गई है, स्वास्थ्य आयुक्त ने इसके लिए निर्देश जारी किये हैं।
इसके साथ ही अब प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को अपनी जांच और उपचार की दरों की लिस्ट सार्वजनिक करनी होगी। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि प्रत्येक जांच और उपचार के लिए उनके द्वारा मरीज से कितनी फीस ली जाएगी।
इसके अलावा, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी अस्पताल को अपनी दरों में बदलाव करना हो, तो सबसे पहले मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को इस संबंध में सूचित करना होगा।
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा आयुक्त, तरुण राठी ने राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देशों का पालन कराने के लिए कहा है।
इसी को लेकर डॉ. बी.के. वर्मा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दतिया ने एक टीम गठित कर शहरी क्षेत्र के अस्पताल और नर्सिंग होम्स की निरीक्षण कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
मरीजों को रेट लिस्ट दिखाने से मना नहीं कर सकते, अस्पताल, सीएमएचओ डॉ. वर्मा के निर्देश पर जांच दल ने बुधवार को शहरी क्षेत्र के निजी अस्पतालों नर्सिंग होम्स् का निरीक्षण किया।
जांच दल में शामिल डॉ. राहुल चउदा चिकित्सा अधिकारी, मनोज गुप्ता जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी एवं कार्तिकेय मिश्रा फार्माशिस्ट ने निजी स्वास्थ्य संस्था श्रीकृष्णा हॉस्पीटल, लाड़ो रतन सुपरस्पेशलिटी क्लीनिक, सिद्धि विनायक हॉस्पीटल, एस.एस. हॉस्पीटल एवं वेदिका मल्टी स्पेशिलिटि हॉस्पीटल का मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने रेट लिस्ट के संबंध में जानकारी ली।
इस बीच एस.एस. हॉस्पीटल और सिद्धी विनायक हास्पीटल के पास रेट लिस्ट नहीं मिलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आपको पता है कि हाल ही में निर्देश दिए गए है। जिसके मुताबिक आपको मरीजों को रेट लिस्ट दिखानी होगी।
जब आपकी रेट लिस्ट बनी ही नहीं है। तो आप मरीजों और उनके परिजनों को क्या जानकारी दे पायेंगे। आप रेट लिस्ट मांगने पर मना नहीं कर सकते। इसके बाद दोनों संस्थानों के विरूद्ध नोटिस भी जारी किया गया है।
डॉ. चउदा ने कहा कि निजी स्वास्थ्य संस्थाओं को आदेश मुताबिक अपनी चिकित्सकीय सेवाओं की दरों की सूची अस्पताल के काउंटर पर प्रदर्शित करनी है।
इसके साथ ही, यदि मरीज या उनके परिवार वाले दर सूची की मांग करते हैं, *तो अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी कि वह उन्हें वह सूची दिखाए।
अतिरिक्त राशि नहीं वसूल सकते, अस्पताल, गुप्ता महामारी नियंत्रण अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राठी ने 2 दिसंबर को जारी आदेश में कहा है कि यदि किसी अस्पताल को अपनी दर सूची में बदलाव करना है,
तो उसे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को लिखित सूचना देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, संशोधित दर सूची को अस्पताल में प्रमुख रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
प्रदेश सरकार ने यह निर्णय मरीजों के अधिकारों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाने के लिए लिया है। रेट लिस्ट के अलावा अतिरिक्त शुल्क लेना नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
नियम न मानने पर होगी कार्रवाई जांच दल ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह निर्देश मध्यप्रदेश उपचार गृह और उपचार संबंधी संस्थाएं अधिनियम, 1973 और उसके संशोधित 2021 नियमों के तहत जारी किए गए हैं।
सभी निजी अस्पतालों को यह सुनिश्चित करना है कि वे इन प्रावधानों का पालन करें। यदि नियमों के पालन में अवहेलना पाई जाती है तो लाईसेंस निरस्त किये जाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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