और 14 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। उन पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा ब्रांच में साल 2013 में सवा करोड़ रुपए गबन का आरोप था।
कोर्ट ने उनके साथ तीन अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई। चारों आरोपियों ने मिलकर फर्जी किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खाते खुलवाकर इसमें लोन ट्रांसफर कर रुपए निकाल लिए थे।
मुलताई के अपर सत्र न्यायालय ने मंगलवार को 11 साल पुराने केस में सजा सुनाई। जिस समय गबन हुआ तब नमन के पिता बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा ब्रांच में मैनेजर थे।
कोर्ट ने इस मामले में बैंक की मुलताई ब्रांच के मैनेजर अभिषेक रत्नम और दो अन्य आरोपियों धनराज और लखनलाल पवार को भी 7-7 साल जेल की सजा सुनाई है।
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