मध्य प्रदेश में लगातार दलित उत्पीड़न, महिला उत्पीड़न, जमीन हथियाने की घटनाएँ बढ़ रही हैं
, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पीड़ितों के साथ बर्बरता की जाती है। इसके परिणामस्वरूप पीड़ित न्याय पाने के लिए प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काटने के बावजूद कोई राहत नहीं मिल रही है।
प्रशासन की लापरवाही और संवेदनहीनता के कारण फरियादी हताश होकर या तो गलत कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाते हैं या फिर वे अपनी ही जमीनों पर कब्जे के लिए पटवारी, तहसीलदार और कलेक्टर के दफ्तरों में बार-बार भटकते रहते हैं
, लेकिन उन्हें कोई ठोस कार्रवाई नहीं मिलती।मध्य प्रदेश के गांवों में आज भी जातिवाद और छुआछूत की घटनाएँ सुनने को मिल रही हैं। घोड़ी चढ़ने, मुँछें रखने, पानी पीने जैसी मामूली चीजों पर भी अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के खिलाफ हिंसा की घटनाएँ हो रही हैं।
इन घटनाओं में लोगों की हत्याएँ भी हो रही हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन इन मुद्दों की ओर कोई ठोस कदम उठाने के बजाय कागजों में खानापूर्ति कर रहे हैं और इन घटनाओं को छुपाने में लगे हुए हैं।इन गंभीर समस्याओं को लेकर मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र से सामाजिक न्याय यात्रा का आयोजन किया जा रहा
है, जो 4 फरवरी 2025 से शुरू होकर 13 फरवरी 2025 को भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास तक पहुंचेगी। इस यात्रा का उद्देश्य इन उत्पीड़न और अत्याचार के मामलों में त्वरि
त न्याय सुनिश्चित करने के लिए सरकार से कार्रवाई की मांग करना है। यात्रा के समापन पर मुख्यमंत्री निवास पर ज्ञापन सौंपा जाएगा और आगे की रणनीति बनाई जाएगी।यह यात्रा समाज के विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा नेतृत्व की जा रही है, जिनमें प्रमुख नाम रोडमल मालवीय, उमराव सिंह, मथुरा खेड़ी
, मनोज पत्रकार (राजगढ़), रामकिशन मानव कुरावर, बालचंद दीपक तबाही, अमृत, दुलेसिंह मालवीय, विष्णु, रमेश मालवीय, रंजीत, छगन मालवीय, देवीलाल, रामचंद्र, गोकुल प्रसाद, दयाराम, अनिल, संतोष, बद्रीलाल और श्याम शामिल हैं।यात्रा के पहले दिन 4 फरवरी को चोमा में कबीर आश्रम में रात्रि विश्राम किया गया।
इसके बाद यात्रा का स्वागत चोमा बंगला पर सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया। मोहन बड़ोदिया में DARYS के प्रदेश प्रभारी संजय बामनिया, डॉक्टर अंबेडकर राष्ट्रीय
संघ के सदस्य, सुनील मालवीय, मुरलीधर मालवी, राजेश जी चौहान, कुलदीप जी अमगाय, भगवान सिंह मौर्य, सुनील अंबेडकर, राधेश्याम जी बगड़िया, घनश्याम जी थावलियां और अन्य कार्यकर्ताओं
ने यात्रा का स्वागत किया। यात्रा का अगला पड़ाव सारंगपुर है इसके बाद यात्रा लीमाचौहान- भ्याना संडावता, खुजनेर से पचोर होते हुए बोड़ा तलेंन के रास्ते, शुजालपुर से कालापीपल सिहोर बैरागढ़ रात्रि विश्राम के बाद 13 फरवरी को मुख्यमंत्री निवास पहुंचेगी।
यह यात्रा प्रशासन और सरकार को एक कड़ा संदेश है, ताकि दलितों और अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न और अन्याय के मामलों में तत्काल कार्रवाई हो और उन्हें न्याय मिल सके।