सारंगपुर। राजगढ़ जिले की सारंगपुर तहसील के अंतर्गत ग्राम मऊ में सीएम राइज स्कूल का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां स्कूल सारंगपुर से 12 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे पर स्थित ग्राम पंचायत मऊ में स्वीकृत किया गया था जिसका निर्माण कार्य चल रहा है। एक तरफ प्रथम तल और दुसरी तरफ ग्राउंड फ्लोर पर कार्य चल रहा है। जो घटिया सामग्री लगाने से जमीनी पिलर आड़े हों गये।यह मप्र सरकार का शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा प्रोजेक्ट है जिसमें अनेकों लापरवाही के चलतें एक युवक को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। घटना दिनांक 29 फरवरी 2024 गुरुवार के शाम 5 बजे के लगभग की बताई जा रही है। करंट लगने के बाद युवक को आनन-फानन में सारंगपुर शासकीय सिविल अस्पताल ले जाया गया।
जहां उपचार के बाद गम्भीर हालत में शाजापुर रेफर कर दिया जहां डाक्टर ने जांच कर युवक को मृत घोषित कर दिया। सुत्रो की मानें तो घटना को किसी बाहरी प्रभाव से दबाने की कोशिश की जा रही है। क्योंकि मरने वाला युवक बहारी था। सुत्रो की मानें तो अमजद शाह पिता ज़फ़र शाह, खातेगांव, कन्नौद क्षेत्र का रहवासी बताया जा रहा है जो मजदूरी करने सीएम राईज के भवन में खातेगांव से मऊ पड़ना आया था। जानकारी के मुताबिक युवक अमजद शाह लोहे के सरिए काटने का काम करता था। घटना कैसे घटी और करंट लगने का क्या कारण रहा इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
सीएम राइज स्कूल मऊ के प्राचार्य एस.एल.भारतीय का कहना है कि मुझे इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। आपके द्वारा मुझे सुबह पता चला है। मैं कल 5 बजे के करीब घटना से पहले निकल गया था। वहीं ठेकेदार से इस घटना के बारे में जानकारी के लिए मीडिया द्वारा फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन ठेकेदार द्वारा फोन नहीं उठाया और बाद में मोबाइल बंद कर लिया गया। ग्रामीण क्षेत्र में एक बहारी मजदूर की मौत हो जाती है और लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगने दी जाती हे इसका सीधा अर्थ यहां निकलता है कि किसी के दबाव में घटना को छुपाने की कोशिश की गई और इतने बड़े मप्र सीएम के प्रोजेक्ट में लापरवाही बरतना अनेकों सवाल खड़े करता है।
ठेकेदार द्धारा मजदूरों को सुरक्षा की दृष्टि से जो उपकरण दिया जाना चाहिए था वहां मजदूरों को उपलब्ध नहीं कराया गया और न ही बहारी मजदूर को ठीक से रहने की व्यवस्था दिखाई देती है। बड़े बड़े बिल्डिंग के प्रोजेक्ट में मजदूरों को हैंड ग्लब्स, लोहे पंजे वाले जुते व हेलमेट पहने के लिए दी जाती है। वहीं इलेक्ट्रीशियन के काम करने वाले को भी सुरक्षा कवच दिया जाना चाहिए था। इतना ही नहीं प्रोजेक्ट स्थल पर कोई दिशानिर्देश व भवन की लागत की जानकारी सहित मानचित्र भी नहीं लगाया गया है।क्षेत्र में बिजली से करंट लगने वाली यह दुसरी घटना है। प्रशासन को इस घटना की जांच कर जिम्मेदार पर कार्रवाई करना चाहिए और उक्त मृतक युवक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।