आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत आदेश जारी
दतिया से नगर संवाददाता विकास वर्मा की रिपोर्ट दतिया हाल ही में गर्मी के मौसम में दतिया जिले के कई इलाकों से सूचना आ रही है कि किसानों द्वारा पराली जलाये जाने के कारण आगजनी की घटनायें हो रही है। पराली जलाये जाने के कारण पर्यावरण को नुकसान के साथ-साथ आगजनी की घटनाओं से पशु हानि की घटनायें भी घटित हो रही हे।
हाल ही में दतिया जिले के इन्दरगढ़ में पराली जलाने के कारण एक किसान के घर में आग लग गई जिसके कारण दो भैंस एवं पांच बकरियों की मौत को गई, ऐसी ही घटना हाल ही में कलेक्ट्रेट ऑफिस के पास हुई है जिसमें कलेक्ट्रेट कार्यालय के पास पराली जलाई जिसके कारण आग भड़क गई। इस आग के कारण कलेक्ट्रेट कार्यालय के पीछे के सभी पेड़ पौधे जल गये, अगर इस आग पर समय रहते काबू न पाया गया होता तो यह आग गर्मी के कारण विकराल रूप ले सकती थी जिससे पूरे कार्यालय में आग लग सकती थी। 5 मई को दतिया जिले के भागौर ग्राम के पास नरवाई जलाने से जंगल में आग लग गई जिस कारण लगभग 5 किलोमीटर तक जंगल में आग फैल गई।
उक्त परिस्थति को ध्यान में रखते हुए अपर जिला मजिस्ट्रेट एवं सचिव जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण दतिया विनोद भार्गव द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 30 (व्ही) के अंतर्गत संबंधित अधिकारियों को आदेशित किया है कि संबंधित क्षेत्र के अधिकारी अपने कर्तव्य स्थल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण व शहरी परिक्षेत्र में आगजनी से होने वाली दुर्घटना से बचाव हेतु कैम्प आयोजित कर लोगों में जागरूकता लाये तथापि की स्थिति में जो भी व्यक्ति इस तरह की पराली या आगजनी की घटना में दोषी पाया जाता है उसके विरूद्ध शासनात्मक कार्यवाही की जाये, ताकि लोगों में पराली की दुर्घटना से होने वाले नुकसान व मानवीय दृष्टिकोण का मूल्यांकन सही रूप से सिद्ध हो सके।
दतिया जिले में पराली जलाये जाने पर तुरंत रोक लगाई जाये अगर उक्त स्थिति में पराली जलाये जाने पर तुरंत रोक न लगाई गई तो गर्मी के मौमस में कोई गंभीर घटना घटित हो जायेगी जो किसी आपदा का कारण बन सकती है।इस आदेश का पालन न करने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 56 के अंतर्गत यथोचित कार्यवाही की जायेगी।l