दतिया मध्यप्रदेश स्वास्थ

प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी से बचाव हेतु जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जारी की एडवायजरी दोपहर की चिलचिलाती धूप में बाहर जाने से करें परहेज, हर आधे घंटे बाद पानी पीएं

प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी से बचाव हेतु जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जारी की एडवायजरी दोपहर की चिलचिलाती धूप में बाहर जाने से करें परहेज, हर आधे घंटे बाद पानी पीएं
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दतिया से नगर संवाददाता विकास वर्मा की रिपोर्ट

दतिया गर्मी के मौसम में दिन पर दिन तापमान बढ़ता जा रहा है, मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। इसलिये जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आमजन को गर्मी से बचाने के लिए एडवायजरी जारी की गई है। जारी एडवायजरी में बताया गया है कि 17 मई एवं 19 मई को अधिक मात्रा में लू चलने की संभावना है अतः नागरिक लू बचाव हेतु दोपहर में यदि आवश्यक न हो तो घर से बाहर न निकले।

इस संबंध में अनुराग पचौरी जिला सलाहकार आपदा प्रबंधन (मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्राधिकरण, गृह विभाग) ने कहा कि कुछ सावधानियां बरतकर गर्मी से होने वाली बीमारियों और नुकसान से बचा जा सकता है। अधिक तापमान शरीर की तापमान नियमन प्रणाली को खराब कर देता है और शिशुओं, छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, 65 या उससे अधिक उम्र के लोगों, मजदूरों, मोटापे से पीड़ित लोगों, मानसिक रूप से बीमार लोगों, हृदय रोग से पीड़ित रोगियों को उच्च तापमान से बचना चाहिए। गर्मी से बचने के लिए हमें दोपहर में धूप में बाहर नहीं निकलना चाहिए। संभव हो तो हमें सुबह और शाम को बाहर का काम करना चाहिए, प्यास न होने पर भी हर आधे घंटे बाद पानी पीना चाहिए।

किन्तु मिर्गी या हृदय रोग, गुर्दे या यकृत रोग से पीड़ित लोगों सीमित तरल पदार्थ का सेवन कर रहे है, उन्हें पानी का सवेन बढ़ाने से पहले चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।नंगे पैर धूप में न जाए, पचौरी ने कहा कि बहार काम करते समय पूरे शरीर को ढ़कने वाले हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने चाहिए, सीधी धूप से बचने के लिए सिर को ढ़कने के लिए छाता, टोपी, गमछा, पगड़ी या दुपट्टे का उपयोग करना चाहिए, नंगे पैर धूप में न जाएं जो लोग धूप में काम करते है उन्हें शरीर का तापमान 37 डिग्री पर रखने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर बाद छाया मे आराम करना चाहिए या सिर पर गीला तौलिया या कपड़ा रखना चाहिए।

उन्होंने बताया कि तरबूज, संतरा, अंगूर, ककड़ी, टमाटर, लौकी और तोरी जैसे मौसमी फल व सब्जियों का अधिक उपयोग करना चाहिए। क्योंकि इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है। ऐसे मौसम में हमें ओआरएस, नीबू पानी, लस्सी, छाछ, नारियल पानी तथा अन्य तरल पदार्थ का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए।

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