22 अगस्त 2023 को मैंने चेताया था, आज वह भयावह सच्चाई बन गई
आदिवासियों का फर्जी एनकाउंटर जारी:- प्रमुख, राजस एड. सुनील कुमार आदिवासी l
कबीर मिशन समाचारभोपाल, दिनांक 20/03/2025भोपाल | 22 अगस्त 2023 से आज ढेर बर्ष ही बीता और जो आशंका मैंने जाहिर की थी, वह पूरी तरह सच साबित हो गई।
भाजपा सरकार और उसकी पुलिस मशीनरी ने एक बार फिर आदिवासी समाज के खिलाफ हिंसक साजिश को अंजाम दिया है। यह कहना है राष्ट्रीय आदिवासी जनक्रांति संघ के प्रमुख सुनील कुमार आदिवासी ने मध्यप्रदेश के मंडला जिले के कान्हा क्षेत्र में बैगा आदिवासी हिरन बैगा को नक्सली
बताकर फर्जी एनकाउंटर में मौत के घाट उतार दिया गया।जब पूरा देश होली के रंग में भाईचारे का संदेश दे रहा था, तब मंडला पुलिस निर्दोष आदिवासियों के खून से अपनी सत्ता की रक्षा कर रही थी। पांच छोटे-छोटे बच्चे, एक विधवा, बूढ़े माता-पिता बिलखते रह गए, लेकिन भाजपा सरकार का संवेदनहीन तंत्र अपनी क्रूरता से बाज नहीं आया।
क्या महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी आदिवासियों की संरक्षक नहीं?जब भाजपा सरकार महामहिम मुर्मू जी के राष्ट्रपति बनने पर महिमामंडन करती है, तो क्या वह आज इस आदिवासी नरसंहार पर चुप रहेंगी? क्या उनका दायित्व केवल प्रतीकात्मक बना रहेगा, या वे आदिवासी समाज के हक के लिए सरकार से जवाब मांगेंगी?
भाजपा सरकार आदिवासियों को खत्म करने की साजिश कर रही है!*मध्यप्रदेश की
भाजपा सरकार ने एक नया तरीका अपनाया है – पहले आदिवासियों को नक्सली घोषित करो, फिर उन्हें गोली मार दो
यही रणनीति अब खुलेआम लागू की जा रही है। जब जनता सवाल पूछती है, तो सरकार जांच के नाम पर लीपापोती करती है। मंडला कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, जबकि मामला न्यायिक जांच का है। यह दिखाता है कि सरकार दोषियों को बचाने में लगी है।अब चुप रहने का समय नहीं –
संघर्ष ही एकमात्र रास्ता! आदिवासी समाज को अब समझना होगा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के अस्तित्व पर हमला है। यदि आज हमने आवाज़ नहीं उठाई, तो कल हर आदिवासी इस सरकारी आतंक का शिकार होगा।
हमें न्याय, सम्मान और अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए एकजुट होकर निर्णायक संघर्ष करना होगा।*राष्ट्रीय आदिवासी जनक्रांति संघ के प्रमुख ने कहा
“फर्जी एनकाउंटर के नाम पर आदिवासियों को मारा जा रहा है। भाजपा सरकार जानबूझकर हमारी जमीन, जंगल, जल की लड़ाई को नक्सलवाद से जोड़ रही है, ताकि आदिवासी समाज को खत्म किया जा सके।
अब हमें हर स्तर पर संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा!”मंडला एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो! फर्जी एनकाउंटर की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो! भाजपा सरकार आदिवासियों को खत्म करने की साजिश बंद करे!