कबीर मिशन समाचार पत्र महाराजसिंह दिवाकर की रिपोर्ट जिला ब्यूरो चीफ। आज 6 दिसंबर 2022 को बहुजन समाज पार्टी विदिशा द्वारा जिला स्तरीय कार्यक्रम विधानसभा कुरवाई में मेहलुआ चौराहा ग्राम पर परम पूज्य बोधिसत्व बी आर अंबेडकर जी बाबा साहब का 66 वां परिनिर्वाण दिवस मनाया श्रद्धांजलि सभा में अपस्थित होकर श्रद्धा सुमन अर्पित की आज के मुख्य अतिथि एडवोकेट इंदर सिंह वर्मा जी जिला प्रभारी विदिशा इमरत लाल तिलवर जी जिला प्रभारी विदिशा,
डॉक्टर लखपत सिंह ठाकरेले जी पूर्व जिला प्रभारी विदिशा जानकी प्रसाद अहिरवार जी पूर्व जिला अध्यक्ष विदिशा महाराज सिंह दिवाकर पूर्व प्रत्याशी विधानसभा शमशाबाद, बालकिशन अहिरवार जी पूर्व लोकसभा प्रभारी सागर दिनेश अहिरवार जी जिला सचिव विदिशा, मिश्रीलाल अहिरवार जी विधानसभा अध्यक्ष करवाई। आनंद सिंह जी विधानसभा अध्यक्ष शमशाबाद, डॉक्टर अखिलेश सूर्यवंशी जी विधानसभा प्रभारी गंजबासौदा, निरंजन सिंह जी पूर्व विधानसभा प्रभारी कुरवाई, आकाश सिंह अहिरवार जी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शमशाबाद नरेंद्र अहिरवार जी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सिरोंज हरनामसिह जी सिरोंज अखंड प्रकाश सूर्या जी दशरथ मालवीय जी शमशाबाद, तोलाराम जी बृजेश जी सनोटि समस्त कार्यकर्ता उपस्थित रहे।सभी वक्ताओं बाबा साहब अंबेडकर जी को श्रद्धांजलि दी अब समाज को जागना होगा बहुजन समाज पार्टी की विचारधारा को पुलिंग बुथ पर पहुंचेंगे पदाधिकारी सदस्यता अभियान जारी रहेगा भाजपा कांग्रेस को सबक सिखाना होगा 2023 में बीएसपी की सरकार बनाकर बहन जी के हाथों में सौंपना होगा।
भाजपा की सरकार में दलितों पर अत्याय अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रहे हैं वृद्धा पेंशन एवं किसान सम्मान निधि के पैसों पात्रता लोग परेशान दिल आंखों के चक्कर काट रहे हैं शिव सुन नहीं रहे हो तहसीलदार सुन नहीं रहा जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार बन जाएगी तहसीलदार भी सुनेगा कलेक्टर की सुनेगा पढ़ाई करने के बाद भी लोग बेरोजगार घूम रहे हैं ।किसान परेशान हैं पानी नहरों में टाइम पर नहीं दिया जा रहा है। बिजली समय पर नहीं मिलती ऐसी भ्रष्ट सरकार को नकारना होगा बहुजन समाज पार्टी की सरकार 2023 में बनाना होगा । भारत के इतिहास में 06 दिसंबर 1956 सबसे बड़ा दुःख का दिन था।इसी दिन हमने बहुत बड़ा व्यक्तित्व खो दिया था। उस व्यक्तित्व को जिसने भारत में स्वतंत्रता, समता, बंधुत्व की भावना वाला राष्ट्र बनाने में पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
बुध्द के सत्य को केवल बाबा साहब ही समझ पाये, इसलिए वो बोधिसत्व भी कहलायें। इसलिए वो महापरिनिर्वाण को प्राप्त हुए। वो कहते थे जिस दिन हम कुछ खोते हैं उस दिन पाने का संकल्प भी लेते हैं।”इस बात को महसूस सिर्फ मान्यवर साहेब और बहन कु मायावती जी ही कर पायें। इसीलिए मान्यवर साहेब ने 14 अक्टूबर से तैय्यारी शुरु किया और 6 दिसंबर को बामसेफ और डी_एस_4बनाकर बाबा साहब के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया। उसके बाद 14 अप्रैल को बसपा बनाकर समाज को संगठित करके बहुजन समाज बनाकर सत्ता हासिल किया। अपने सरकार में बाबा साहब के नाम पार्क-स्मारक कालेज यूनिवर्सिटी आदि को बहुजन विरासत के रूप में स्थापित करके बाबा साहब को सच्ची श्राध्दांजलि दी |
बाबा साहब के विचारधारा को लेकर जब मान्यवर साहेब ने संघर्ष शुरु किया तब बाबा साहब के विरोधी लोग जो उन्हें अंग्रेजों का एजेंट और देशद्रोही कहते थें। वो लोग अपनी सोच को परिवर्तित करने के लिए मजबूर हुए और आलम आज यह हैं कि विरोधी खेमे का बड़े-से-बड़ा नेता बाबा साहब के आगे झूकने को मजबूर हैं। अगर मान्यवर साहेब न होते तो पता नहीं कब तक इस देश में बाबा साहब को अपमानित किया जाता। बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि मान्यवर साहेब और बहन जी ही दे पायें। आज हम बाबा साहब को केवल नमन करने लायक ही हैं इसलिए नमन करते हुयें, बसपा को सरकार में लाकर समतामूलक समाज बनाकर सच्ची श्रद्धांजलि देने का संकल्प लेते हैं।