रिपोर्ट जारी कीमुख्य बिंदु:’2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500′ की न्यूनतम सीमा 9,580 करोड़ रुपए है, जो पिछले साल के 6,700 करोड़ रुपए की सीमा से 43% अधिक है।’2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500′ में भारत की सबसे
मूल्यवान कंपनियों का संचयी मूल्य 3.8 ट्रिलियन यूएस डॉलर (324 लाख करोड़ रुपए, 40% वृद्धि) है, जो भारत की जीडीपी से अधिक है और यूएई, इंडोनेशिया और स्पेन की संयुक्त जीडीपी से भी ज्यादा है।सूची की शुरुआत के बाद पहली बार ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ की सभी कंपनियों का मूल्य कम से कम 1 बिलियन यूएस डॉलर है,
भले ही रुपया कमजोर हुआ हो।’2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500′ की कंपनियों ने 11% की मजबूत बिक्री वृद्धि दर्ज की, जिससे संयुक्त बिक्री 1 ट्रिलियन यूएस डॉलर रही।364 कंपनियों के मूल्य में वृद्धि हुई, जबकि पिछले साल यह संख्या 342 थी। इनमें से 65 कंपनियों ने अपना मूल्य दोगुना कर लिया, जो 2023 में 45 थी। इसके अलावा, 17 कंपनियों के मूल्य में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई, जबकि पिछले साल यह संख्या सिर्फ 2 थी।82 नई कंपनियों की एंट्री, जो पिछले साल की तुलना में 21 अधिक हैं।
टॉप 3 सबसे मूल्यवान कंपनियों में, 12% की वृद्धि से 17.5 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज़ भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है, इसके बाद 30% की वृद्धि से 16.1 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के साथ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ और 26% की वृद्धि से 14.2 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के साथ एचडीएफसी बैंक है।रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लगातार चौथे साल ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ में शीर्ष स्थान पर अपनी बादशाहत जारी रखे हुए है। 17.5 लाख करोड़ रुपए
के मूल्य के साथ, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ का मूल्य टीसीएस से कम से कम 1.9 लाख करोड़ रुपए अधिक है, जो सूची में दूसरे स्थान पर है।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज़ ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ में 297% की उल्लेखनीय वार्षिक मूल्य वृद्धि के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनी के रूप में शीर्ष पर है, इसके बाद आईनॉक्स विंड और जेप्टो का स्थान है, दोनों ने वर्ष के दौरान अपने मूल्यांकन को लगभग तीन गुना कर दिया है। पहली बार, भारती एयरटेल 9.74 लाख करोड़ रुपए के मूल्यांकन के साथ शीर्ष 5 में पहुँची,
जो दो पायदान ऊपर चढ़ते हुए 75% की वृद्धि है। एनएसई शीर्ष 10 में पहुंचा! ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’में पहली बार 4.7 लाख करोड़ रुपए के मूल्य वाले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने शीर्ष 10 में जगह बनाई है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मूल्य 201% बढ़कर 4.7 लाख करोड़ रुपए हो गया, जिसने एसआईआई को पीछे छोड़ दिया और भारत की सबसे मूल्यवान गैर-सूचीबद्ध कंपनी बन गई।2024 की सूची में गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की हिस्सेदारी 22% है, जो पिछले साल की तुलना में 4% कम है।
‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’में शामिल स्टार्टअप्स ने सामूहिक रूप से 1,09,259 करोड़ रुपए की शुद्ध वृद्धि दर्ज की, जिसका नेतृत्व जेप्टो, ओयो और जीरोधा ने किया।गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में सबसे अधिक वृद्धि (%) लॉजीस्टिक्स स्टार्टअप जेप्टो (269%), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (201%) और फिजिक्सवाला (172%) में हुई। ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ कंपनियों में 84 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं, जो पिछले साल की तुलना में 14 लाख अधिक हैं।
औसतन प्रति कंपनी 21,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।338 कंपनियों का मूल्य 1,000 करोड़ रुपए से अधिक बढ़ा, जबकि 170 कंपनियों ने 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले साल की 94 कंपनियों से लगभग दोगुना है।सूची में 39% कंपनियां सेवाएं बेचती हैं, जबकि 61% भौतिक उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। 65% कंपनियां सीधे उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करती हैं, जबकि 35% बी2बी स्पेस में काम करती हैं। सूची में 43 शहरों की कंपनियां शामिल हैं, जिनमें मुंबई (154), बेंगलूरु (44) और नई दिल्ली (37) सबसे आगे हैं, तीनों से कुल मिलाकर 235 कंपनियां हैं।
हरियाणा पिछले साल से दो पायदान ऊपर आया है और ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ में पहली बार शीर्ष 3 राज्यों में जगह बनाने के लिए दिल्ली से आगे निकल गया है। प्रमुख सूचीबद्ध नए प्रवेशकों में वारी एनर्जीज़, एसआरएफ और प्रीमियर एनर्जीस शामिल हैं, जबकि प्रमुख गैर-सूचीबद्ध नए प्रवेशकों में अदाणी रियल्टी, अपर्णा कंस्ट्रक्शन एंड एस्टेट्स और शाही एक्सपोर्ट्स शामिल हैं।82 नई कंपनियों का संचयी मूल्य 18.8 लाख करोड़ रुपए है, जो पिछले साल की तुलना में दो गुना से भी अधिक है।
फाइनेंशियल सर्विसेस (63 कंपनियां) और हेल्थकेयर (59 कंपनियां) सूची में शीर्ष दो सेक्टर हैं, जबकि इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स (52 कंपनियां) इनके बाद तीसरे स्थान पर है।सूची में नई कंपनियों में इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स सेक्टर ने बढ़त बनाई, जिसमें 19 कंपनियां शामिल थीं, इसके बाद हेल्थकेयर (8) और एनर्जी (7) सेक्टर रहे।सेवा क्षेत्र वर्ष का सबसे बड़ा मूल्य निर्माता बनकर उभरा, जिसमें मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस (#112) ने 297% वृद्धि दर्ज की। जेप्टो ने भी उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई, 179 स्थान से ऊपर चढ़कर #145 रैंक पर पहुँच गया।टाटा समूह की 15 कंपनियों की कुल वैल्यू 32 लाख करोड़ रुपए है, जो 500 शीर्ष कंपनियों के कुल मूल्य का 10% है।नागपुर, फरवरी 2025: एक्सिस बैंक के प्राइवेट बैंकिंग बिजनेस ‘बरगंडी प्राइवेट’और
‘हुरुन इंडिया’ने भारत की 500 सबसे मूल्यवान कंपनियों की सूची के चौथे संस्करण ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ को जारी किया। इस सूची में कंपनियों को उनके मूल्य के आधार पर रैंक दी गई है। सूची में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों का मूल्यांकन (वैल्यूएशन) शामिल किया गया है। यह सूची केवल भारत में मुख्यालय वाली कंपनियों को शामिल करती है, सरकारी कंपनियों और विदेशी एवं भारतीय कंपनियों की सहायक कंपनियों (सब्सिडियरीज़) को इसमें जगह नहीं दी गई है।‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ में शामिल होने के लिए कंपनियों का न्यूनतम मूल्य 9,580 करोड़ रुपए (1.1 बिलियन यूएस डॉलर) होना
आवश्यक था, जो 13 दिसंबर, 2024 तक के आंकड़ों के आधार पर तय किया गया। इस सूची में शामिल कंपनियों की औसत आयु 43 वर्ष है। ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ में कंपनियों का कुल संयुक्त मूल्य 324 लाख करोड़ रुपए (3.8 ट्रिलियन यूएस डॉलर) तक पहुँच गया है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में, बीएसई सेंसेक्स में 27% की वृद्धि हुई, निफ्टी 50 में वर्ष-दर-वर्ष 30% की वृद्धि हुई, जबकि एसएंडपी बीएसई 500 में 38% की वृद्धि हुई।लॉन्च पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्सिस बैंक के एमडी और सीईओ अमिताभ चौधरी ने कहा, “बरगंडी प्राइवेट को एक बार फिर हुरुन इंडिया के साथ
साझेदारी कर भारत की 500 सबसे मूल्यवान कंपनियों का जश्न मनाने की खुशी है। ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ रिपोर्ट भारत के कॉर्पोरेट परिदृश्य का एक प्रभावशाली चित्रण है, जो अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। इस साल की सूची में शामिल कंपनियों ने नई रणनीतियों, नवाचार और बदलते हालातों के अनुसार खुद को ढालते हुए वृद्धि के अपार अवसरों का लाभ उठाया है और अपने-अपने उद्योगों में अग्रणी बनकर उभरी हैं। पहले से कहीं अधिक गतिशील पूंजी बाजार में इन कंपनियों ने दूरदृष्टि, लचीलापन और चुस्ती का प्रदर्शन कर अपने हितधारकों के लिए अत्यधिक मूल्य का सृजन किया है।““इस साल ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ रिपोर्ट में शामिल होने की न्यूनतम सीमा 43% बढ़कर 9,580 करोड़ रुपए हो गई है, जिससे प्रत्येक कंपनी लगभग 1 बिलियन डॉलर की इकाई बन गई है।
यह भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है। ये कंपनियां 84 लाख लोगों को रोजगार देकर, 2.2 लाख करोड़ रुपए का कर भुगतान करते हुए और 10,939 करोड़ रुपए सीएसआर पहल में निवेश करके देश की आर्थिक संरचना को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। 3.8 ट्रिलियन यूएस डॉलर के संयुक्त मूल्य के साथ, इन 500 कंपनियों का कुल मूल्य भारत के जीडीपी से भी अधिक है और यूएई, इंडोनेशिया और स्पेन के संयुक्त जीडीपी को भी पार कर गया है।
““हम एक्सिस बैंक में भारत की विकास यात्रा को समर्थन देने पर गर्व महसूस करते हैं। बरगंडी प्राइवेट के जरिए, हम अपने ग्राहकों को निवेश के बेहतरीन मौके देते हैं और ‘वन एक्सिस’ इकोसिस्टम की मदद से उनकी वित्तीय जरूरतों के अनुरूप समाधान देते हैं। हमारा एयूएम 24 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुँच गया है, जिसमें 31% की सालाना बढ़त हुई है। इससे हम भारत के सबसे संपन्न परिवारों के भरोसेमंद साझेदार बने हुए हैं। ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ रिपोर्ट पेश करते हुए हमें खुशी है कि ये कंपनियां नए अवसरों को जन्म देकर भारत को 5 ट्रिलियन यूएस डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ा रही हैं।“
हुरुन इंडिया के फाउंडर और चीफ रिसर्चर अनस रहमान जुनैद ने कहा, ”2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500′ की कंपनियां भारत के निजी क्षेत्र की रीढ़ हैं और देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डालती हैं। इन कंपनियों की कुल वैल्यू 3.8 ट्रिलियन डॉलर है, जो भारत के वार्षिक जीडीपी से भी अधिक है और ये 84 लाख लोगों को रोजगार देती हैं।“ उन्होंने आगे कहा, “अगर कोई भारत की अर्थव्यवस्था के विकास को समझना चाहता है, तो उसके लिए ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ की सबसे मूल्यवान कंपनियों की कहानियों को जानना एक शानदार शुरुआत होगी।““2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 से पता चलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था ने मात्र तीन वर्षों में जबरदस्त बदलाव देखा है। ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ में 82 नए चेहरे हैं। इसे देखने का एक और तरीका यह है कि तीन साल पहले की एक-तिहाई से ज्यादा कंपनियां बाहर हो गई हैं।
नई कंपनियों और बाहर हुई कंपनियों का विश्लेषण अर्थव्यवस्था में आए इस बदलाव को समझने में मदद करता है। इस साल सबसे ज्यादा नए प्रवेश इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स, हेल्थकेयर और एनर्जी क्षेत्रों में हुए, जबकि फाइनेंशियल सर्विसेस क्षेत्र में सबसे ज्यादा कंपनियां सूची से बाहर हुईं।““2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में से केवल 33 ही हुरुन ग्लोबल 1000 में जगह बना पाईं। इसका एक कारण यह है कि ये भारतीय कंपनियां तुलनात्मक रूप से बहुत युवा हैं। 2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 की औसत आयु 43 वर्ष है, जो हुरुन ग्लोबल 500 की औसत आयु से 24 वर्ष कम है।““2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में शामिल होने की न्यूनतम सीमा 6,700 करोड़ रुपए से बढ़कर 9,580 करोड़ रुपए हो गई है, जो भारतीय कंपनियों की वित्तीय प्रगति को दर्शाता है। पहली बार, इस सूची की हर कंपनी ने बिलियन डॉलर का दर्जा हासिल किया है। इन कंपनियों का संचयी वार्षिक राजस्व 1 ट्रिलियन यूएस डॉलर है, जो भारत की कुल जीडीपी के एक-चौथाई से भी अधिक है।““इस सूची की सबसे खास बात इसकी अद्भुत विविधता है, जहां 192 साल पुराने पीएनजी ज्वेलर्स से लेकर 2021 में स्थापित स्टार्टअप्स तक शामिल हैं। बेजोड़ उद्यमिता के साथ विरासत का यह अनूठा मेल भारत के आर्थिक परिदृश्य की गतिशील और विकसित प्रकृति का प्रतीक है, जो वैश्विक मंच पर इसकी मजबूती और अनुकूलन क्षमता को प्रदर्शित करता है।““मूल्य के आधार पर रैंक की गई ‘बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ कंपनियों में से लगभग 60% ‘फॉर्च्यून इंडिया 500’ में नहीं दिखाई देती हैं, जिसे राजस्व के आधार पर रैंक किया जाता है। हुरुन 500 वर्तमान बिक्री पर भविष्य के लाभ की संभावना को प्राथमिकता देती है। हमारी सूची में सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियां शामिल नहीं हैं, इसलिए लगभग 7.7 लाख करोड़ रुपए कीमत वाली भारत की सबसे मूल्यवान सरकारी स्वामित्व वाली सूचीबद्ध कंपनी भारतीय स्टेट बैंक सूची में नहीं है। इसी तरह एलआईसी, एनटीपीसी तथा ओएनजीसी सहित 100 से अधिक सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध सरकारी कंपनियां इस सूची में स्थान प्राप्त कर सकती थीं।““भारतीय स्टार्टअप आईपीओ में जोरदार गति आ रही है, जो ईकोसिस्टम में नए सिरे से निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ में स्टार्टअप्स ने 2023 में हुए 4 लाख करोड़ रुपए के वैल्यू नुकसान को न सिर्फ पलटा, बल्कि 4.4 लाख करोड़ रुपए की नई वैल्यू भी जोड़ी। जेप्टो, फिजिक्सवाला और ओयो ने नई फंडिंग में उच्च मूल्यांकन पर फंडिंग राउंड हासिल किए, जबकि सूचीबद्ध स्टार्टअप्स ने बाजार पूंजीकरण में तेजी देखी। अकेले जोमैटो ने ही 1.7 लाख करोड़ रुपए जोड़े, जिससे सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध सभी स्टार्टअप्स का कुल मूल्य 3.9 लाख करोड़ रुपए बढ़ा। यह उछाल स्टार्टअप आईपीओ बाजार में नई ऊर्जा और भविष्य में मजबूत सार्वजनिक लिस्टिंग की संभावनाओं को दर्शाता है।““2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में 63 कंपनियों और 62 लाख करोड़ रुपए मूल्य के साथ 19% योगदान देकर वित्तीय सेवाएं सूची में शीर्ष पर हैं। यह बढ़ती ऋण पहुंच, निवेशकों के मजबूत विश्वास और भारत के वैश्विक वित्तीय केंद्र बनने की स्थिति को दर्शाता है।““2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 भारत की तेज़ी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था को दर्शाती है। एयरोस्पेस और रक्षा ने मूल्यांकन में 74% की वृद्धि दर्ज की। यह उछाल व्यावसायीकरण, वैश्विक सहयोग और उन्नत तकनीकों और अंतरिक्ष मिशनों पर बढ़ते फोकस के कारण संभव हुई है।““शिक्षा क्षेत्र ने पिछले चार वर्षों में 47% की वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की है। ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ में एक महत्वपूर्ण प्रवेशकर्ता कंपनी फिजिक्सवाला सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनी बनी, जिसकी वैल्यू में 172% वृद्धि (14,900 करोड़ रुपए की वृद्धि) दर्ज की गई।“बाजार में दबदबे की नई परिभाषा देते हुए टाटा ने ताज संभाले रखा, अदाणी ने अपनी पकड़ मजबूत की और रिलायंस ने साबित किया कि आकार ही सब कुछ नहीं है! टाटा समूह ने 15 कंपनियों के साथ अपनी अग्रणी स्थिति बरकरार रखी है, जिसने ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ के कुल संचयी मूल्य का 10% योगदान दिया है। अदाणी समूह ने एक और कंपनी जोड़कर अपनी उपस्थिति का विस्तार किया, जिससे इस साल इसकी कुल कंपनियों की संख्या 9 हो गई। केवल 3 कंपनियों के बावजूद, रिलायंस समूह ने संचयी मूल्य में दूसरा स्थान हासिल किया, जिसने इसका बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव उजागर होता है। “2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 की सूची में कारोबारी नक्शा बदलता दिख रहा है। मुंबई और बेंगलूरु में गिरावट देखी गई, जबकि हरियाणा आगे बढ़ा। पहली बार, हरियाणा दो स्थान ऊपर चढ़कर टॉप 3 राज्यों में शामिल हुआ है। मुंबई और बेंगलूरु में सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या घटी, जबकि हैदराबाद, गुरुग्राम और नोएडा जैसे छोटे शहरों में कंपनियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। यह भारत के व्यावसायिक परिदृश्य में बदलाव का संकेत है।““2024 में, बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 कंपनियों की वर्कफोर्स 20% बढ़ी, जिससे लगभग 14 लाख नए रोजगार सृजित हुए। अब इन कंपनियों में कुल 84 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। ये कंपनियां भारत के कुल कार्यबल का 16% रोजगार देती हैं, जो राष्ट्र की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में उनके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।““2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में महिलाएं अब 17% बोर्ड सीटों पर काबिज हैं, जो लैंगिक समानता और समावेशी कार्यस्थल नीतियों के प्रभाव को दर्शाता है। इस वर्ष 13 महिलाओं ने नेतृत्वकारी भूमिकाएं संभालीं, जो कार्यकारी प्रतिनिधित्व के विकसित होते दायरे का सबूत है।““भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के बावजूद, ‘2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ सूची में ओपनएआई या डीपसीक के स्तर की कोई एआई कंपनी शामिल नहीं है।
जबकि वैश्विक कंपनियां एआई का उपयोग दक्षता और नवाचार के लिए कर रही हैं, कई भारतीय कंपनियां अब भी इसके पूर्ण उपयोग से दूर हैं। अगर भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रहना है, तो एआई अपनाने की गति बढ़ानी होगी और घरेलू एआई दिग्गजों को विकसित करना प्राथमिकता होनी चाहिए।“हुरुन इंडिया के फाउंडर और चीफ रिसर्चर अनस रहमान जुनैद ने अंत में कहा, “हुरुन इंडिया को लगातार चौथे वर्ष एक्सिस बैंक के प्राइवेट बैंकिंग बिजनेस बरगंडी प्राइवेट के साथ टॉप 500 भारतीय कंपनियों की सूची पेश करने पर गर्व है। यह सहयोग भारतीय कंपनियों की वृद्धि और भारतीय वित्तीय प्रणाली में उनके योगदान को दर्शाता है, जो देश के व्यापारिक विस्तार को आगे बढ़ाने में अहम् भूमिका निभा रही हैं।“
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