मध्यप्रदेश छुआछूत के मामले में पहले नम्बर पर ही आता है। किसी न किसी रूप में छुआ-छूत आ ही जाती है। अब ये छतरपुर जिले के मामला सामने आया है जिसकी लिखित में गांव के लोगों ने जिला प्रशासन को अवगत कराया है। परिवार में को शांत हो गया होगा तो बच्चे स्कूल गए थे जिसके बाद यह बात सामने आई है। वैसे भी छतरपुर जिला कई मामले में नम्बर वन पर आ रहा है।
कुर्मी समाज के बच्चों के साथ छुआछूत, विधालय के शिक्षकों ने कहा जब तक आत्मा कि शुद्धि तेरहवीं नहीं हो जाती तब तक स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह घटना मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला राजनगर विधानसभा के ग्राम खैरी कि घटना है। माध्यमिक विद्यालय खैरी में शिक्षकों ने बच्ची को छुआछूत का भेदभाव मानते हुए बच्चों को शाला से भगाया कि जब तक आपके घर में आत्मा की शुद्धिकरण तेरहवी संस्कार नहीं तब तक शाला में प्रवेश नहीं।
ग्राम खैरी के सभी लोग ने शिकायत की है। शासकीय माध्यमिक विद्यालय खैरी में पढ़ रहे बच्चे, जिनको माध्यमिक शाला की शिक्षिका ने बच्चों को छुआछूत का भेदभाव मानते हुए स्कूल से भगाया।
बच्चों ने बताया कि शिक्षिका बोली जब तक आपके परिवार में व्यक्ति की आत्मा की शुद्धिकरण तेरहवी संस्कार नहीं हो जाती तब तक आप सभी बच्चे शाला में नहीं ही आना और शिक्षिका यह भी बोली जब तक शुद्धिकरण तेरहवीं संस्कार नहीं तब तक शाला में प्रवेश नही वरना हम पिटाई भी लगाएंगे।
समस्त ग्रामवासियों ने इसका जमकर विरोध करते हुए बताया कि शिक्षा में भेदभाव कर रही शिक्षिका जागृति द्विवेदी सभी ग्रामवासियों ने माननीय जिला शिक्षा अधिकारी का सूचित किया। बच्चों में अंशुल पटेल, छोटू पटेल, मातादीन पटेल, हरिचंद्र सेन, संजय पटेल, शिवचरन पटेल, नरेन्द्र पटेल, संजू पटेल, दीपेन्द्र पटेल सहित अन्य बच्चों और गांव वालों ने आवेदन दिया।