नये कंटेंट को सामने लाने के लिए डिजिटल मीडिया का करें उपयोग : प्रो. केजी सुरेश
देश की दिशा एवं दशा निर्धारित करती है पत्रकारिता : श्री आशुतोष तिवारी
मूर्धन्य पत्रकार, कवि एवं स्वतंत्रतासेनानी पं. माखनलाल चतुर्वेदी के जयंती प्रसंग पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में स्मृति व्याख्यान का आयोजन
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में मूर्धन्य पत्रकार, कवि एवं स्वतंत्रतासेनानी पं. माखनलाल चतुर्वेदी के जयंती प्रसंग पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना मंडल के अध्यक्ष श्री आशुतोष तिवारी और मुख्य वक्ता कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा थे और अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।
‘पत्रकारिता का वर्तमान परिदृश्य’ विषय पर अपने उद्बोधन में प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता को यूरोपीय सांचे से बाहर निकालकर भारतीय सांचे में लाना चाहिए। भारत में उदन्त मार्तंड जब शुरू हुआ तो उसका ध्येय वाक्य था-“हिन्दुस्तानियों के हित के हेत”।
प्रो. शर्मा ने कहा कि भारतीय हित, लोकहित और लोक कल्याण ही भारतीय पत्रकारिता के प्राण तत्व हैं। उन्होंने कहा कि मुनाफा कमाना भारत की पत्रकारिता का उद्देश्य नहीं हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि गलत लोगों को कभी अपना आईकान न बनाएं। उन्होंने आज की पत्रकारिता पर दुख जताते हुए कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारिता का क्षरण हो रहा है। प्रो. शर्मा ने कहा कि हमें मीडिया की जगह पत्रकारिता शब्द का ही उपयोग करना चाहिए।
अपने वक्तव में उन्होंने तिलक, माखनलाल और अन्य महापुरुषों की पत्रकारिता के प्रेरक प्रसंगों का जिक्र किया।वहीं, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने अध्क्षयीय उद्बोधन में दादा माखनलाल चतुर्वेदी को अपना प्रेरणास्त्रोत बताया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे दादा की पत्रकारिता को पढ़कर उनसे पत्रकारिता के गुर सीखें।
इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से सदैव अलर्ट रहने को कहा। उन्होंने कहा कि चारों तरफ कंटेंट ही कटेंट है। इसलिए चारों तरफ देखते रहिए। आज आपके पास सोशल मीडिया जैसा हथियार है उनका आपको सदुपयोग करना चाहिए। नये कंटेंट को सामने लाने के लिए डिजिटल मीडिया का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने युवा पीढ़ी को कहा कि वे कुछ नया सीखें, नया करें, नई बात कहें।
इसके साथ ही कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं हाऊसिंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री आशुतोष तिवारी ने दादा माखनलाल जी की पुष्प की अभिलाषा कविता का उल्लेख करते हुए कहा कि विद्यार्थियों से इस कविता से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के उद्देश्य को हमने सिर्फ नौकरी तक सीमित कर दिया है। जबकि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य ज्ञान है। शिक्षा वही है जो मुक्त करे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जो देश की दिशा और दशा तय करता है। इस क्षेत्र में जिम्मेदारी के साथ और भारतीय हितों को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिए। इसके साथ ही आजादी का अमृत महोत्सव समिति के अध्यक्ष प्रो. श्रीकांत सिंह ने वर्तमान समय में पत्रकारिता में आ रही गिरावट पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज बाजारवाद का युग और पत्रकारिता बाजारवाद से प्रभावित हो रही है।
इससे पूर्व इलेक्ट्रानिक मीडिया विभाग के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई दादा माखनलाल की फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
विश्वविद्यालय के खंडवा, रीवा, एवं दतिया परिसर में भी दादा माखनलाल जी की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन किया। सहायक कुलसचिव श्री विवेक सावरीकर के संयोजन में विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक लोकेंद्र सिंह ने किया। आभार प्रदर्शन श्री शलभ श्रीवास्तव ने किया।