नीमच मध्यप्रदेश

आरक्षक अजात शत्रु व राजेश भाटी द्वारा झूठे मामले में फ़साने की धमकी, अवैध रुपये की मांग, पीड़ित युवक ने जनसुनवाई में दिया आवेदन

कबीर मिशन समाचार।

नीमच। कलेक्टर कार्यालय में मंगलवार को जनसुनवाई में नीमच के अलकोलाइड कॉलोनी निवासी सचिन सैनी पिता दशरथ सैनी ने कलेक्टर दिनेश जैन के नाम आवेदन देकर बताया कि उसके साथ कैंट थाने के दो आरक्षक द्वारा डरा धमका कर अवैध रुपये वसूलने व झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी जा रही है सचिन ने बताया कि वह कॉस्मेटिक की दुकान संचालित करता है और नीमच का निवासी है । और मेहनत करके अपनी दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। नीमच कैंट थाने में पदस्थ आरक्षक अजातशत्रु व राजेश भाटी आए दिन प्रार्थी को हैरान व परेशान करते हैं और अवैध रुपयों की मांग करते है। इन पुलिसकर्मियों द्वारा बेवजह 10 से ₹20000 रुपये की मांग की जाती है नहीं देने पर कहते हैं कि पुलिस वालों की दुश्मनी तू नहीं जानता किसी भी आवारा महिला से रिपोर्ट करवा कर तुझे महिला संबंधित अपराध में फसवा देंगे या तेरे खिलाफ एनडीपीएस का केस करवा देंगे और तू पूरा जीवन जेल में सड़ता रहेगा। जब प्रार्थी 28 जून बुधवार को रात्रि 8:00 बजे अपनी दुकान बंद कर घर जा रहा था तो रास्ते में दोनों पुलिसकर्मी मिले और सचिन सैनी को जबरन गाड़ी पर बैठाया और कहने लगे कि थाने चल टीआई साहब बुला रहे हैं। मेने जब पूछा के किस बात के लिए मुझे ले जा रहे हैं कोई आदेश है क्या तो उन आरक्षक द्वारा मेरे साथ गाली गलौज की गई और मेरा मोबाइल छीन लिया और थाने नही ले जाकर बाजार में ही घुमाते रहे और रुपए की मांग करने लगे। मारपीट कर छीना छपटी की गई। और मेरी जेब में दुकान के ₹27300 थे वह भी इन पुलिसकर्मियों द्वारा छीन लिए गए। जब मेरे परिवारजन मुझे ढूंढने आए तो उन्हें पता चला कि पुलिस कर्मी द्वारा मुझे जबरन ले गए। तब मेरे परिवार वाले थाने पहुंचे और जवाब मांगा कि किस दोष में प्रार्थी को लाया गया है। भीड़ जमा होने लगी तो इन पुलिसकर्मियों द्वारा प्रार्थी को मजबूरन छोड़ना पड़ा। केंट थाने में पदस्थ अजात शत्रु और राजेश भाटी द्वारा प्रार्थी के मोबाइल में व्हाट्सएप चैट भी डिलीट की गई। और मोबाइल वापस दिया परन्तु पैसे वापिस नही दिए। मोबाइल में डिलीट किए सभी साक्ष्य प्रार्थी ने स्क्रीनशॉट पहले ले लिए थे और बैकअप डाटा ऑन कर रखा था जिससे वह समस्त चैट पुनः आ गए। जिसके बाद प्रार्थी पुलिसकर्मियों के उक्त कृत्य से 2 दिन तक काफी डरा व भयभीत रहा और उसके बाद प्रार्थी ने पूरी कहानी अपने माता पिता को बताई और उनके द्वारा समझाने और हौसला अफजाई करने पर प्रार्थी द्वारा कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से न्याय की मांग करते हुए कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों पर सख़्त से सख्त कार्रवाई की जाए। इन पुलिस कर्मियों से मुझे जान माल का खतरा है। इनके द्वारा किसी भी झूठे प्रकरण में मुझ प्रार्थी को फंसाया जा सकता है।

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