इंदर सिंह वर्मा प्रधान संपादक एवं मूलचन्द मेधोनिया सहसंपादक कबीर मिशन समाचार पत्र भोपाल
भोपाल । मध्यप्रदेश के जूनियर चिकित्सा को लेकर और अपनी मांगों को लेकर धरना कर रहे हैं।
सरकार उनकी समस्याओं को लेकर न ध्यान दे रही और न ही गंभीरता से लिया जा रहा है।
सरकार किसी भी स्तर पर प्रदेश के नागरिकों से लेकर कर्मचारी एवं नौजवान छात्रों के प्रति गंभीर नहीं है। लगता है कि सरकार के नुमाइंदे अपनी मनमानी ही किये जा रहे है। लगातार कर्मचारियों को हताश और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
छात्रों, कर्मचारी और अन्य लोगों के हित में किये गये वादे बेमानी साबित हो रहे हैं। परिणामस्वरूप खुशीलाल आयुर्वेदिक चिकित्सालय में धरना दिया जा रहा है। जिसके तहत हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है तथा मांग न सुनें जाने सरकार का कोई भी प्रतिनिधि का धरना प्रदर्शन पर न आने के कारण प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया है कि वह अमरण अनशन जैसा कदम उठाने का फैसला ले सकते हैं।
आयुर्वेदिक चिकित्सा जवाब नहीं मिला। इसी परिपेक्ष्य में आज द्वितीय दिन हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, अभी तक सरकार का कोई भी प्रतिनिधि हमसे बात करने आज नही आया है, हमारी अनिश्चित कालीन हड़ताल मागे नहीं माने जाने तक जारी रहेगी, अगर हमारी बाते नही मानी गई तो हम आमरण अनशन पर बैठेंगे।
पंचसूत्रिय मांग –
1) आयुर्वेद चिकित्सको को समान शिष्यावृत्ति ( आधुनिक चिकित्सा पद्धति के समान) एवं उपभोक्ता मूल्य सूचांक (CPI) से जोड़ा जाए।
2)प्रतिवर्ष नवीन पदो का सृजन तथा NRHM एवं RBSK संविदा कर्मी को असंवैधानिक मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रदत्त 15% (67.5 अंक) बोनस को हटाया जाए।
3) स्वतंत्र आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना।
4) जनसंकल्प 2013 के अनुसार सभी कार्य पूर्ण किए जाए।
5) आयुष चिकित्सको को आपातकालीन चिकित्सा का अधिकार दे।