विगत 3 सालों से बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहे युवक को जिला अपर सत्र न्यायाधीश डॉ.कुलदीप जैन ने किया दोषमुक्त।
डीएनए रिपोर्ट भी थी आरोपी की पॉजिटिव।आरोपी की ओर से अधिवक्ता दिलीप जाधव ने रखे थे बचाव।अभियोजन स्कॉलर रजिस्टर व अंकसूची में दर्ज जन्मदिनांक को भी नहीं कर सका साबित।सारंगपुर – जिला अपर सत्र न्यायाधीश डॉ कुलदीप जैन ने सुनाया फैसला बलात्कार के आरोप से विगत 2020 से आरोप झेल रहे आरोपी को किया बाइज्जत बरी।प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस थाना पचोर के अपराध क्रमांक 291/2020 मैं अपराध धारा 363,366, 376 भा.द.वी.व व 5/6 पोक्सो अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया था, प्रथम दृष्टया मामला बलात्कार व पॉस्को का होने से आरोपी को जेल भेज दिया था, ओर आरोपी की और से पेश जमानत अर्जी निरस्त कर दी गई थी, जिस पर आरोपी के अधिवक्ता दिलीप जाधव द्वारा हाई कोर्ट इंदौर से जमानत करवाकर,आरोपी की ओर से न्यायालय डॉ.कुलदीप जैन के न्यायालय में पैरवी गई तो वही शासन की ऒर से सहायक लोक अभियोजक ने पैरवी की। आरोप लगने से लेकर अभियोजन द्वारा लाये गए साक्ष्यों का बारी-बारी से मुख्य परीक्षा अभियोजन व प्रतिपरीक्षा अधिवक्ता दिलीप जाधव द्वारा की गई।इसी दौरान आरोपी बनाए गए युवक की डीएनए रिपोर्ट भी लेबोरेट्री से पॉजिटिव आ गई थी,जिसका सामना आरोपी के अधिवक्ता द्वारा किया गया, तो वही पीड़िता को नाबालिक साबित करने के लिए अभियोजन द्वारा पेश किए गए स्कूल के स्कॉलर रजिस्टर व अंकसूची को आरोपी के अधिवक्ता द्वारा चेलेंज कर असत्य बताकर पीड़िता को अपने प्रतिपरीक्षण से बालिग सिद्ध किया गया तो वंही डीएनए रिपोर्ट में अभियोजन द्वारा कई मापदंडो का पालन नही करने पर आरोपी के अधिवक्ता दिलीप जाधव द्वारा अंतिम तर्क पर सुप्रीम कोर्ट व देश भर की अनेक हाइकोर्ट के महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय पेश किये गए।जिसपर अभियोजन द्वारा आपत्ति लेकर आरोपी को सजा देने का निवेदन माननीय न्यायालय से किया गया,पर प्रकरण में गवाहों व सबूतों पर अपना निर्णय सुनाकर अभियुक्त को बाईज्जत दोषमुक्त किया गया।