सारंगपुर। समीप्रस्थ ग्राम मऊ में आज नवभारत फर्टिलाइजर लिमिटेड कंपनी के कृषि अधिकारी रविन्द्र कोहले ने किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया। आज के समय में रासायनिक खेती से जमीन में उर्वरक क्षमता कम होती जा रही है। सूक्ष्म पोषक तत्वों की भारी मात्रा में कमी होने के कारण फसलों पर अनावश्यक रोगों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण फसलों पर तरह तरह के कैमिकल इस्तेमाल करते आ रहे हैं और उनका असर फसलों पर आता है वहीं इंसान खाते है तो उसका अंश हमारे शरीर में प्रवेश कर नुकसान पहुंचता है। जिसको हम आम तौर पर समझ नहीं पाते हैं। मिट्टी कड़क और बंजर होती जा रही है। पहले के समय 3-4 पानी में हम गेहूं की फसल पक जाती थी लेकिन अब 6-8 बार पानी देना पड़ता है। अधिक मात्रा में रासायनिक खाद डालना किसान की मजबूरी बनती जा रही है और बार बार दवाईयों का स्प्रे करना पड़ता है जिससे किसानों की जेब पर बोझ बढ़ता जा रहा है। लागत अधिक और मुनाफा कम होता है। वहीं मौसम की मार भी किसानों झेलना पड़ती है।
रासायनिक खेती छोड़ जैविक खेती अपनाएं किसान।
आज पुनः किसान जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहें हैं और जमीन को बंजर होने से बचा रहे हैं। कम लागत में अधिक पैदावार ले रहे हैं। जैविक खेती करने और किस तरह जैविक प्रोडक्ट का प्रयोग करना है इसके लिए नवभारत फर्टिलाइजर लिमिटेड कंपनी के कृषि अधिकारी रविन्द्र कोहले ने मऊ में किसानों को जानकारी दी और उनका रजिस्ट्रेशन भी किया। संगोष्ठी में महेश कारपेंटर सारंगपुर केंप प्रबंधक, रामेश्वर मालवीय फिल्ड सेल्समैन, शांतीलाल जायसवाल, यूसूफ खान, लखन राठौर, श्याम मालवीय, भगवान सिंह राजपूत, कुमैर सिंह राजपूत, बलराम राजपूत, विशाल मालवीय, जगदीश सुर्यवंशी, जगदीश सोलंकी आदि किसानों ग्राम मऊ में जानकारी दी गई।