कबीर मिशन समाचार।
नीमच। दिव्यांगों को सामाजिक न्याय विभाग नीमच द्वारा जरूरतमंद सामग्री ट्राईसाईकिल, मोटो ट्राईसाईकिल, व्हीलचेयर बैसाखियां आदि सामग्री पिछले डेढ़ वर्ष से वितरण नहीं होने से दिव्यांगों में आक्रोश है। शनिवार 12 अगस्त को कांग्रेस नेता जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती तथा जिला कांग्रेस प्रवक्ता भगत वर्मा के नेतृत्व में दिव्यांगों ने विरोध प्रदर्शन कर रोष जताया। शहर के भारतमाता चौराहा(फोरजीरो) पर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए दिव्यांगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और आरोप लगाए कि जिले में लंबे समय से दिव्यांगों को जरूरत की सामग्री का वितरण नहीं हो रहा है।
धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता तरुण बाहेती ने बताया कि जिले में 25 फरवरी 2022 से शासन ने दिव्यांगों को निःशुल्क वितरित करने वाली सामग्री(ट्राईसिकल, मोटर ट्राईसिकल, बेशाखी, छड़ी, एमफओ, व्हील चेयर, काफो, श्रवण यंत्र आदि) नहीं भेजे हैं। ऐसे में सामाजिक न्याय विभाग दिव्यांगों को सामग्री का वितरण नहीं कर पा रहा है, जबकि कई बार जिले से शासन को डिमांड भेजी गई है। श्री बाहेती ने बताया कि शासन ने दिव्यांगों की सामग्री जिलों को उपलब्ध कराने के लिए उज्जैन की कंपनी एलीम्को को अधिकृत कर रखा है, जो मांग पत्र के आधार पर दिव्यांगों को वितरित होने वाली सामग्री उपलब्ध कराती है, लेकिन दिक्कत यह है कि नीमच से मांग पत्र जाए हुए डेढ वर्ष होने को हैं, पर दिव्यांगों की सामग्री नीमच नहीं पहुंची है। ऐसे में अपनी दिव्यांगता की पूर्ति करने में सार्थक सामग्री के लिए दिव्यांग सामाजिक न्याय विभाग के चक्कर लगाते हैं, लेकिन उन्हें सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाती है। कांग्रेस नेता श्री बाहेती आरोप लगाया कि यही स्थिति दिव्यांगों के लिए लगाए जाने वाले शिविर की भी रहती है। चिकित्सक की जांच के बाद दिव्यांगों को दिव्यांगता के प्रमाण-पत्र तो मिल जाते हैं, लेकिन सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाती है।
जिले में दिव्यांग सामग्री लंबी है वेटिंग सूची-
कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने बताया की सरकारी रिकार्ड के अनुसार जिले में 7500 दिव्यांग है, जिसमें अस्थिबाधित 4000 है, शेष अन्य दिव्यांग है। जिले में अगर दिव्यांगों की मांग के अनुरूप वेटिंग सूची देखे, तो ट्राईसिकल 94, मोटर ट्राईसिकल 42, बेशाखी 57, छड़ी (क्रच एल्बो) 65, एएफओ 18, व्हील चेयर 33, क्राफो 51 की लंबित सूची है, लेकिन डेढ वर्ष से डिमांड की पूर्ति नहीं हो पा रही है।
इमरजेंसी के नाम बची सामग्री को वितरित कर लूटी जाती है वाहवाही-
श्री बाहेती ने आरोप लगाया कि कई बार जनसुनवाई के दौरान कोई दिव्यांग आता है और सामग्री की मांग करता है, तो अधिकारी वाहवाही लूटने के लिए इमरजेंसी के नाम बचत में रखी सामग्री का वितरण कर देते हैं। इसी तरह की बचत का खुलासा बीते दिनों रेडक्रास की जांच में हुआ, जिसमें सामाजिक न्याय विभाग द्वारा रेडक्रास को भेजी गई दिव्यांग सामग्री रेडक्रास के कर्मचारियों ने वितरित नहीं की और जांच रिपोर्ट के आधार पर एडीएम नेहा मीणा ने रेडक्रास के 5 कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पद पृथक कर दिया। इससे पछताएगी दिव्यांगों को वितरित करने वाली सामग्री में कहां और किस स्तर की गड़बड़ी हो रही है लेकिन हमारे विधायक एवं मंत्री को इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि जिले में दिव्यांगों की स्थिति क्या है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब दिव्या ही परेशान है तो आम आदमी की क्या हालत हो रही है ।
तरुण बाहेती ने नीमच के जनप्रतिनिधि एवं विधायकों को घेरते हुए कहा कि वे आखिर किस बात की समीक्षा करते हैं। जब वे विकलांग लोगों के साथ भी न्याय नहीं कर पा रहे हैं तो अन्य लोगों के साथ क्या न्याय कर पाएंगे। दिव्यांग साथी तो पहले सुविधा पाने के हकदार हैं। इनके साथ भी अन्याय कर खुद अपने पद के साथ अन्याय कर रहे हैं । बाहेती ने कहा कि अगर शीघ्र ने सामग्री उपलब्ध नहीं करवाई गई तो वह विकलांगों के साथ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे। इस अवसर पर दिव्यांग प्रकोष्ठ के रतनलाल तिरंगा,दिव्य ज्योति संस्थान के रामप्रकाश बल दवा, , जिला कांग्रेस महामंत्री संजय पवार,जगदीश मालवीय व अन्य लोग उपस्थित रहे ।