कन्या का विवाह करानें से बढ़कर कोई अन्य पुनीत कार्य नहीं-पंडित दुर्गाप्रसाद कटारे।
कबीर मिशन समाचार जिला सीहोर।संजय सोलंकी।सीहोर।
गेहलोत मेवाड़ा राजपूत समाज के तत्वाधान में 51 कन्याओं का निशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन रामाखेड़ी में आयोजित किया गया।

इस मौके पर पूर्ण विधि-विधान से कन्याओं का विवाह किया गया। सामूहिक विवाह सम्मेलन में करीब 21 से अधिक विप्रजनों ने पंडित दुर्गाप्रसाद कटारे के सानिध्य में भव्य कार्यक्रम सपन्न किया।
इस मौके पर पंडित श्री कटारे ने कहा कि गेहलोत मेवाड़ा राजपूत समाज का यह सामूहिक प्रयास स्वागत योग्य है। सामूहिक विवाह मात्र एक विवाह का आयोजन भर नहीं हैं अपितु इसके प्रभाव व समाज हित में लाभ बड़े दूरगामी हैं।
किसी कमजोर, जरूरतमंद या असहाय परिवार की कन्या का विवाह करानें से बढ़कर कोई अन्य पुनीत कार्य नहीं है। इस बात का प्रमाण है कि आज हर छोटे-बड़े जिलों, कस्बों या शहरों में कई वैवाहिक संस्थाएं मिलजुकर सैकड़ों कन्याओं के हाथ सामूहिक विवाह के माध्यम से पीले कर रही हैं।
जिनमें से कुछ सर्वजातीय वैवाहिक समितियां तथा कई सजातीय संस्थाएं क्रमश सभी जातियों के तथा अपनी जाति के सामूहिक विवाह में सक्रिय हैं। ये संस्थाएं विवाह जैसे सामाजिक पुण्य कार्य में अपनी सराहनीय भूमिका निभाती हैं।
कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष दुर्गेश हाडा ने प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेन्द्र सिंह मेवाड़ा, समाजसेवी अखिलेश राय,पंकज गुप्ता, प्रमोद राजपूत आदि का स्वागत किया।इस संबंध में जानकारी देते हुए समाजसेवी
घनश्याम मेवाड़ा ने बताया कि ग्राम रामाखेड़ी में गेहलोत मेवाड़ा राजपूत समाज के द्वारा निशुल्क कन्या विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया है। समाज का उद्देश्य है आर्थिक बोझ कम करना, सामाजिक समानता, बाल विवाह रोकना
, दहेज प्रथा को कम करना, महिला सशक्तिकरण, समाज की एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देना, समाज के बीच से जातिगत द्वेष को मिटाना, इस मौके पर कन्याओं का पूर्ण विधि-विधान से विवाह का आयोजन संपन्न कराया गया।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सामूहिक विवाह का बढ़ता प्रचलन समाज के भले के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इससे समय की बर्बादी, दान-दहेज और फिजूलखर्ची जैसी कुरीतियों से भी समाज को मुक्ति मिल सकती है। सामूहिक विवाह सम्मेलन में वर-वधु शामिल हुए।
विवाह सम्मेलन में 51 कन्याओं का निशुल्क विवाह कराया गया। इन कन्याओं को 21 से अधिक दहेज की सामग्री प्रदान कर भावपूर्ण विदाई दी।