सबको साथ लेकर कदम से कदम मिलाकर चलने की प्रेरणा घोष देता है-सतीश जी अग्रवाल
दतिया से विकास वर्मा की रिपोर्ट।
सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भरतगढ़ दतिया में आज दिनांक 18. 12.24 को विद्या भारती द्वारा होने वाली प्रांतीय घोष
प्रतियोगिता के चयन प्रक्रिया के लिए विद्या भारती मध्य भारत प्रांत के घोष प्रमुख श्री सतीश जी अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में भरतगढ़ विद्यालय में उपस्थित हुए। सतीश जी अग्रवाल
द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर एवं सरस्वती वंदना के उपरांत इस मौके पर उपस्थित केशव बाल विकास समिति के प्रबंधक/प्राचार्य श्री मनोज जी गुप्ता द्वारा अतिथि परिचय कराया गया एवं भैया बहन द्वारा मुख्य अतिथि का मंगल तिलक कर श्रीफल भेंट किया गया ।
इसके पश्चात विद्यालय के प्राचार्य/प्रबंधक श्री मनोज जी गुप्ता द्वारा इस अवसर पर घोष के महत्व एवं घोष बजाने से शारीरिक एवं मानसिक फायदे के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। प्रांतीय घोष प्रमुख श्री सतीश जी अग्रवाल ने बताया शिव प्रदत्त डमरू के बजने मात्र से किसी भी व्यक्ति के रोम-रोम में गजब ही अनुभूति होती है।
सुनने वाले व्यक्ति का मन नाच उठता है, व्यक्ति का पुरा मन आहलादित हो जाता है। प्रांतीय घोष प्रमुख ने घोष के इतिहास पर विस्तार से बताते हुए कहा कि घोष संस्कृत भाषा की शब्द है जिसे सृष्टि के आरंभ में नाद के रूप में जाना गया।
संगच्छध्वं-संवदध्वं, सं वो मनांसि जानताम् अर्थात् सबको साथ लेकर कदम से कदम मिलाकर चलने की प्रेरणा घोष के द्वारा दी जाती है। उन्होंने घोष के वाद्ययंत्र आनक, प्रणव, झल्लरी, ट्रैंगल, मैराकस, वंषी, नागांग आदि के वादन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने इस अवसर पर कई घोष रचनाओं एवं घोष के वादक की जानकारी आम लोगों के बीच में पहुंचाने पर बल दिया।
इसके पश्चात विद्या भारती मध्य भारत प्रांत के घोष प्रमुख श्री सतीश जी अग्रवाल द्वारा भरतगढ़ विद्यालय की घोष इकाई का निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के के समस्त आचार्य/दीदी एवं भैया बहन उपस्थित रहे।