धार रोजगार

ई केवायसी करने के लिए पैसों की मांग पर ग्राम पंचायत बारिया स्थित दुकान सील

रिपोर्ट पवन सावले। कबीर मिशन समाचार

कलेक्टर प्रियंक मिश्रा द्वारा सभी एसडीएम और जनपद सीईओ को निर्देश दिए गए हैं कि कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में समग्र ई केवाईसी निःशुल्क है यह सुनिश्चित करें की एमपी ऑनलाइन अथवा सीएससी में कोई शुल्क नहीं लिया जाए। इसके साथ ही कॉमन सर्विस सेंटर संचालक भी शिविर में अपना स्टॉल लगा सकते है। उक्त निर्देशो के पालन में आज जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव द्वारा गंधवानी तहसील की ग्राम पंचायत बारिया के कार्यालय के सामने स्थित फ्रेंड्स ऑनलाइन के यहां आकस्मिक निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण में ज्ञात हुआ कि संचालक द्वारा हितग्राहियों से फोटोकॉपी के नाम से ई केवायसी के लिए पैसो की मांग की जा रही है। जिससे जिला पंचायत सीईओ श्रीवास्तव द्वारा उक्त दुकान को सील किया गया। साथ ही आईडी निरस्त करने हेतु कार्यवाही भी की जा रही है। जिला पंचायत सीईओ श्रंगार श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन हेतु महिलाओं का समग्र पोर्टल पर ई- केव्हायसी किया जाना है। इस हेतु शासन द्वारा कॉमन सर्विस सेन्टर (सीएससी) एवं एम पी ऑनलाईन कियोस्क को अधिकृत किया गया है एवं इस कार्य हेतु भुगतान शासन द्वारा किया जाएगा।

कियोस्क द्वारा हितग्राही से किसी प्रकार की राशि की मांग नहीं की जाना है। इस संबंध में सभी संचालकों को कॉमन सर्विस सेन्टर एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क को निर्देशित किया गया है कि वे प्रशासन के समन्वय में महिलाओं का निःशुल्क ई-केव्हायसी करना तथा किए जाने वाले ई-केव्हायसी का रिकार्ड अपने रजिस्टर में संधारित करना सुनिश्चित करेंगे। उक्त रजिस्टर को संबंधित ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय वार्ड के सचिव/रोजगार सहायक वार्ड प्रभारी के द्वारा सत्यापित करवाना एवं प्रतिदिन किए जाने वाले ई-केव्हासी की रिपोर्ट संबंधित विकास खण्ड स्तरीय अधिकारी को उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करेंगे।

शासन की सभी हितग्राहीमूलक योजनाओं के क्रियान्वयन में कॉमन सर्विस सेन्टर और एमपी ऑनलाईन कियोस्क की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। साथ ही यह अपेक्षा की जाती है कि मुख्यमंत्री लाडली बहता योजना हेतु ई-केव्हायसी बनाने में कियोस्क का यथोचित सहयोग प्राप्त होगा। किंतु यह और भी उल्लेखनीय है कि शासन निर्देशो का पालन न किए जाने अथवा हितग्राही से राशि की मांग की जाना पाए जाने अथवा हितग्राही को अनावश्यक चक्कर लगवाया जाना पाए जाने पर आई. डी. निरस्त कराने, दुकान सील करवाने और कड़ी कार्यवाही की जावेगी।

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