धरमपुरी (संघर्ष से सिध्दी )। धरमपुरी में बुधवार को विश्व आदिवासी दिवस को लेकर धरमपुरी तहसील स्तर में आयोजन किया गया। इसमें क्रांतिकारी टंट्या मामा भील, बिरसा मुंडा, डा. बीआर आंबेडकर आदि के चित्र पर फूल माला पहनाकर व तिलक पूजन किया गया।
कबीर मिशन समाचार धार/धरमपुरी से मयाराम सोलंकी खास रिपोर्ट
देश के मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना हो या फिर प्रदेश के सिवनी, नेमावर, सीधी, मैहर सहित अन्य जिलों में बढ़ती आदिवासियों के साथ अत्याचार, शोषण और अनाचार की घटना के खिलाफ, जिले में आदिवासी समाज ने आदिवासी दिवस के रूप जनाक्रोश रैली निकाली। इस जनाक्रोश रैली में जिले भर के आदिवासी समुदाय के अलावा एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो ने भी हिस्सा लेकर बढ़ती घटना पर अपना आक्रोश जाहिर किया। वहीं विश्व आदिवासी दिवस 09 अगस्त को जिले में पहली बार आदिवासियों ने खुशी नही बल्कि आक्रोश जाहिर किया। इस दौरान केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ, आदिवासी अत्याचारों पर अंकुश नहीं लगा पाने पर नाराजगी भी देखी गई।
बता दें कि जिले से इस जनाक्रोश रैली में हजारों की संख्या हर उम्र के लोग मौजूद थे। जनाक्रोश रैली की शुरुआत बैंक आफ इंडिया से किया जायेगा। जिसके बाद जनाक्रोश रैली बस स्टैंड से होकर पुलिस चौराहा,राजबाड़ा चौंक,पडावा मोहल्ला बस स्टैंड होते हुए मिर्ची मंडी पहुंची। जहां आम सभा के बाद कार्यक्रम समापन हुआ । आदिवासी दिवस जनाक्रोश रैली में मुस्लिम समाज के द्वारा जगह जगह पर स्वागत एवं पानी नाश्ते का स्टाल भी लगाए ।
सभी आदिवासी समाज संगठन का सहयोग रहा। जयस, भीम आर्मी, एवं समस्त आदिवासी समाज के संगठन के कार्यकर्ता मौजूद थे। विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में आसपास क्षेत्र के करीब 20 से अधिक गांवों से आदिवासी समाजजन शामिल हुए थे। उपस्थित अर्जुन गोरे जी ने शिक्षा और समाज में हो रहे नशे पर प्रकाश डाला। वहीं मांगीलाल मुकाती ने जल, जंगल और जमीन के साथ के तहत उद्बोधन दिया। सुनिल वास्केल(निगवाल) ने मणिपुर की घटना अत्याचार पर प्रकाश डाला समाज के सुदर्शन जगदाले ने आभार प्रदर्शन किया।