संजय सोलंकी
आष्टा विधानसभा के ग्राम कजलास में खंडेलवाल परिवार के आत्माराम खंडेलवाल के छोटे सुपुत्र हरेंद्र की शादी आयुष्मति अरुणा के साथ बौद्ध धम्म रीतिरिवाज के साथ शादी समारोह सम्पन्न हुई ।
बौद्ध धम्म से शादी समारोह एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक घटना हो सकती है, जो भारतीय समाज में बौद्ध धर्म के विचारों और संस्कारों के प्रभाव को दर्शाता है। बौद्ध धम्म के अनुसार शादी एक सामाजिक और धार्मिक संस्कार है, जिसमें दोनों पक्षों के बीच सामूहिक और समानता आधारित संबंध स्थापित होते हैं।
इसमें विवाह के दौरान आचार-व्यवहार, आस्था और विश्वास का बहुत महत्व होता है।बौद्ध विवाह समारोह में अक्सर पारंपरिक हिंदू विवाह की तरह जटिल रीतियां नहीं होती, बल्कि यह अधिक सरल, सार्थक और समानता के सिद्धांतों पर आधारित होते हैं।
यह प्रेम, सम्मान, और समझदारी पर आधारित एक साझेदारी की ओर अग्रसर होने का प्रतीक होता है। इस तरह के विवाह समारोह में धर्म, समाज और परिवार की पवित्रता को बनाए रखने की पूरी कोशिश की जाती है।
कजलास में इस प्रकार का बौद्ध धम्म से शादी समारोह हुआ है, तो यह समाज के एक महत्वपूर्ण बदलाव और समावेशी दृष्टिकोण को व्यक्त करता है, जिसमें बौद्ध धम्म की मूलभूत शिक्षाओं का पालन करते हुए नई पीढ़ी के लिए एक स्थिर और आस्थावान जीवन की शुरुआत होगी।