कबीर मिशन सामाचार/इन्दौर,
प्रदेश संवाददाता,
जय आदिवासी युवा शक्ति जयस संगठन आदिवासियों के हितों की लड़ाई लड़ने के साथ ही राजनीतिक प्रतिनिधित्व करने के लिए भी सदैव अपनी ताकत दिखाता रहा है और इसी के कारण अन्य राजनीतिक दल सदैव उन पर गुटबाजी का प्रश्नचिन्ह लगाते रहे है इसी बात का उत्तर जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन ने धामनोद में एक निजी रेस्टोरेंट में बैठक मैं सभी गुटों को एक करके बता दिया कि जयस संगठन एक है और हमारे हर व्यक्ति में जीत का जज्बा है बैठक में विशेष बात यह रही कि सभी व्यक्तियों के मोबाइल बाहर रखवा दिए गए और एक गोपनीय और अनुशासन की रेखा बनाकर ही सभी को बैठक में उपस्थित होने की अनुमति रही बैठक में डॉ हीरा अलावा, विक्रम आछलिया, डॉ अभय, महेंद्र कन्नौज, लोकेश मुझालदा, गौरव चौहान, शिवभानु मंडलोई, साहेबसिंह कलम, सीमा वास्केल, लालसिंह बर्मन, रविराज बघेल, लक्ष्मणसिंह डिंडोर, अंतिम मुजाल्दा, परमार जी, नितेश अलावा, चेतन इंद्रा पटेल, राहुल बामनिया, विजय चोपड़ा, ओमकार कटारा, राजू पटेल, संगीता चौहान, फाउंडर मेंबर जो जय आदिवासी युवा शक्ति जयस संगठन में जुड़े हैं मौजूद थे !
आगामी 16 मई को जय आदिवासी युवा शक्ति जयस संगठन के 10 वर्ष पूर्ण होने पर स्थापना दिवस पर एक भव्य कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गई और कमेटी के सदस्य ने दोनों गुट को बिठाकर निकाला समाधान अंतिम मुझालदा, नितेश अलावा, विजय चोपड़ा, चेतन पटेल, *15 बिंदु पर चर्चा की गई !
1. जयस के वरिष्ठ संस्थापक सदस्यों के बीच मतभेद समाप्त कर एकजुट करना।2. जयस कार्यकर्त्ता, पदाधिकारियों द्वारा सोशल मिडिया वार पर तत्काल रोक लगाना औऱ भविष्य मे ऐसी कोई अनुशासनहीनता न करेंगे न करने देंगे जिससे जयस या किसी भी सामाजिक साथी कार्यकर्त्ता की छवि धूमिल हो।3. जयस नाम की जितनी FB ID है सबको वेरीफाई करना, नाम के आगे पीछे जयस लिखें कार्यकर्त्ताओ की पहचान कर उन्हें अनुशासन सिखाना न की एक दूसरे के ऊपर टिका टिप्पणी करना। यदि कोई इस प्रकार का कृत्य करता है तो जयस अनुशासन कमिटी वो किसका फॉलोवर है देखकर उससे बात कर समझाईश देगी न मानने पर सबंधित पदाधिकारी को पद मुक्त किया जा सकता है।4. जयस के नाम पर या jays पदाधिकारी यदि चुनाव लड़ते है तो 2 माह पहले स्पष्ट कर पद से सार्वजनिक स्तीफा देंगे,औऱ फिर जहाँ जाना जाकर राजनीती करेंगे।
इस दौरान वो जयस झंडे गमछा का उपयोग कतई नहीं करेंगे न ऐसा प्रचार करेंगे इस सबंध मे निर्णय अनुशासन कमिटी द्वारा लिए जायेंगे औऱ उस चुनावी केंडिडेट की क्या मदद करना या न करना सबंधी निर्णय अप्रत्यक्ष लेकर समाज के सामने सार्वजनिक प्रस्तुत करवाएंगे।5. जयस पदाधिकारी निष्पक्ष गैर राजनीतीक ही होंगे जो सर्व जाती, धर्म का सविंधान की प्रस्तावना अनुसार सम्मान करेंगे।6. यदि कोई जयस नाम से या सबंध रखने वाला व्यक्ति किसी भी जाती धर्म पर टिका टिप्पणी करता है तो वो उसके नीजी विचार ही माने जायेंगे जयस का इससे कोई सबंध नहीं माना जायेगा।7. जयस अप्रत्यक्ष पैनल द्वारा ही जयस कार्यक्रम, आंदोलन या सभी प्रकार के आयोजन की अंतिम मंजूरी देगी जिसके बाद उस क्षेत्र की कमिटी अथवा पदाधिकारी वहां आयोजन कर पाएंगे।8. जयस के नाम पर होने वाले प्रत्येक आयोजन सर्वप्रथम उस क्षेत्र के जमीनी कार्यकर्त्ता की सहमति से तय कर पदाधिकारियों द्वारा क्षेत्रीय, संभागीय अथवा प्रदेश स्तर के जिम्मेदार को अवगत करवाना होगा !