कबीर मिशन सामाचार/मध्य प्रदेश,
मध्य प्रदेश ! सुप्रीम कोर्ट में दायर कि गई अपील को कोर्ट ने खारिज कर 10 लाख का जुर्माना लगाया था जिसका अब बड़े स्तर पर विरोध किया जा रहा है साथ ही ओबीसी वर्ग के लोगो ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस फैसले को गलत बताया है । ओर एससी एस टी एवम ओबीसी वर्ग से अपील की जा रही है कि कोर्ट द्वारा लगाया गया जुर्माना लोकेंद्र गुर्जर नहीं बल्कि लाखो एससी एसटी ओबीसी वर्ग के लोगो से 1 – 1 रुपया एकत्रित करके भरा जाए यह लड़ाई अकेले लोकेंद्र गुर्जर की नहीं बल्कि पूरे 85% वर्ग की है जो इस लड़ाई को जारी रखेंगे !
लोगो के द्वारा सोशल मीडिया पर मिल रहे समर्थन एवम सहयोग एवम प्रिंट मीडिया में छपी खबरों के कारण सुप्रीम कोर्ट के द्वारा किया गया जुर्माना 10 लाख से कम होते होते लिखित आदेश में 50,000 ही रह गया !
इधर लोकेंद्र गुर्जर ने अपने ट्वीट में कहा है कि घुटनों की बल जीने के बजाय खड़े रहकर मरना पसंद करूंगा ! साथ ही फोन पे, गूगल पे ,के माध्यम से सहयोग करने के लिए कहा गया है जिसमे गुर्जर ने अपने पेटीएम नंबर 9893191417 एवम खाता नंबर भी शेयर किया है लोकेंद्र गुर्जर को संपूर्ण भारत से एससी एसटी ओबीसी समाज का पूर्ण समर्थन मिल रहा है ! वहीं लोगो ने उनको कोर्ट की जुर्माना राशि भरने के लिए रुपए डालना शुरू कर दिया है !
आपको बता दे की मामला यह से शुरू होता है सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी समाज के नेता लोकेंद्र गुर्जर द्वारा एक अपील की गई जिसमे कहा जा रहा है कि ओबीसी आरक्षण की निष्पक्ष जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की बेच ओबीसी आरक्षण पर एससी एसटी के जज नियुक्त करे जो मामले की सुनवाई निष्पक्ष रूप से कर सके ! ओबीसी आरक्षण पर इस तरह की अपील करने पर सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका की आव्हेलना की बात करते हुए ओबीसी नेता लोकेंद्र गुर्जर की अपील को खारिज कर लगभग 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था ।