नीमच मध्यप्रदेश

लापरवाही का अड्डा बना नीमच जिला अस्पताल, मरीजों का नही रखा जाता ध्यान, लापरवाह होते जा रहे डॉक्टर और स्टाफ़ पढ़िए पूरी खबर….

कबीर मिशन समाचार।

नीमच। सुर्खियां बटोरे हुए रहने वाला जिला अस्पताल उन दिनों सुर्खियों में आ जाता है जब वहाँ लापरवाही के चलते घटना घटित हो जाती हैं। आए दिन जिला अस्पताल में कुछ ना कुछ होता ही रहता हैं। कहि लोग तो यहाँ इलाज के लिए आने से पीछे हट जाते हैं। और जो मजबूरी में यहाँ इलाज के लिए आते हैं। उनको सही इलाज मिल नही पाता हैं।
क्योंकि जिला अस्पताल के कांड ही इतने बड़े है कि यहाँ आने से लोग घबरा जाते हैं। ऐसे अनेको घटनाक्रम जिला अस्पताल में घटित हो चुके हैं। डॉक्टरों और स्टाफ़ की लापरवाही से कई मरीज मौत के घाट उतर गए। वही सूत्र बताते हैं कि प्रसव के लिए आई महिलाओं का अधिकतम ऑपरेशन से डिलेवरी की जाती है। जबकि कई महिलाओं की नॉर्मल डिलेवरी हो सकती है। और तो और प्रसव के लिए आई महिलाओं को इंजेक्शन के नाम पर चिमटी काट ली जाती है और कह दिया जाता है कि इंजेक्शन लग गया। मरीज के परिजनों को डरा दिया जाता है और उनसे ऑपरेशन के नाम पर अवैध वसूली की जाती है। और कई मामलो में मरीज की मृत्यु हो जाने से जिला अस्पताल में परिजनों ने हंगामा तक कर दिया। पुलिस को शिकायत भी कर दी। फिर भी दोषी के खिलाफ कोई कार्यवाही नही होती।

आपको बता दे कि बीते दिन गुरुवार की दोपहर में एक महिला चांदनी पति मुन्नालाल कुशवाह उम्र 35 वर्ष निवासी सिंगोली को किडनी में समस्या होने व गुर्दे में सूजन आने पर महिला की तबीयत बिगड़ी जिसके बाद परिजन उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लाए। जहां महिला को भर्ती किया गया। भर्ती करने के बाद महिला की हालत गंभीर होने लगी जिसके बाद महिला की मृत्यु जिला अस्पताल में हो गई। वही महिला के पुत्र राकेश कुशवाहा ने अस्पताल के जिम्मेदारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी माता जी को उपचार के लिए जिला अस्पताल भर्ती करवाया गया था जहां अस्पताल में भर्ती करने के पश्चात किसी भी डॉक्टर ने उन्हें देखा नहीं 5:00 बजे ड्यूटी डॉक्टर आए लेकिन वह भी देख कर सिर्फ ड्रिप लगा कर चले गए।
महिला की हालत बिगड़ती हुई देख बेटे ने अस्पताल के स्टाफ के चक्कर लगाए। 6:00 बजे अस्पताल के स्टाफ ने आकर महिला का बीपी चेक किया जिसके बाद महिला की तबीयत बिगड़ती गई। जिसके बाद अस्पताल में महिला की मौत हो गई। वही महिला के परिजनों द्वारा अस्पताल में हंगामा किया गया और डॉक्टर सहित स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए गए और कहा गया कि मामले की निष्पक्ष जांच कर हमें न्याय दिया जाए।

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