सारंगपुर राजगढ़ मध्यप्रदेश। कबीर मिशन समाचार
लिमा चौहान। थाना के अंतर्गत आने वाले ग्राम पीपल्यापाल में साग सब्जी बेचकर अपने परिवार का पेट भरने वाले एक दलित युवक की गांव के ही पाल समाज के व्यक्ति ने पिटाई कर दी। बताया जा रहा है कि सारा मसला सब्जी के मोलभाव को लेकर हुआ। जब हमारे संवाददाता ने इस विषय में फरियादी से बातचीत की तो उसने बताया कि मैं ग्राम गूलावता में रहता हूँ।
सब्जी बेचने का काम करता हूँ। दिनांक 09/03/23 को शाम करीबन 06 बजे सब्जी बेचने के लिये गुलावता से ग्राम पीपल्यापाल गया था मैं गांव में सब्जी बेच रहा था कि ग्राम पीपल्या पाल का श्याम पिता दुलेसिंह पाल मेरे पास हाथ में लठ लेकर आया और मुझसे सब्जी का भाव पूछा और बोला कि तू इतनी महंगी सब्जी बेच रहा कहकर मुझे लठ से मारने को दौड़ा और मेरे सिर में थप्पड की मारी जिससे मेरे सिर की टोपी नीचे गिर गई। बाद में मेरा गला पकड़ लिया और बोला कि मादरचोद नीच कमिन तू आज के बाद मेरे गांव में सब्जी नही बेचेगा। तू नीच बलाई है इसलिए तुझे मेरे गांव में सब्जी नहीं बैचने दूंगा। कहकर मेरे साथ मा बहन की गंदी गंदी गालिया दी और मुझे जाति सूचक शब्दों से भी अपमानित किया और बोला कि तू मेरे घर के सामने से चला जा नहीं तो जान से मार दूंगा।
मुकेश मालवीय ने बताया कि मेरे साथ हुई घटना आस पास के लोगों ने देखी जानकारी मैने थाने पर दी तो मेरी कोई मदद नहीं की गई। में घर आ गया फिर मैने परेशान होकर भीम आर्मी के लोगों से संपर्क किया और उनको लेकर थाने पर गया जहां हमें राजनीतिक दबाव के चलते दिन भर इधर से उधर भटकाते रहे। सब ने मिलकर थाने पर प्रदर्शन किया। मेरे साथ हुई घटना की तथा वारदात मैने स्वयं ने अपने मोबाईल मे रिकॉर्ड भी कि, जिसको लेकर मे रात्रि को हि थाने पहुंचा लेकिन प्रशासन ने होली का बहाना बनाकर डराकर घर भगा दिया। दूसरे दिन सुबह 11 बजे मे भीम आर्मी के लोगों के साथ पुनः थाने पहुंचा तो ये बोलकर दिन भर बिठा रखा कि अपराधी को लेने गए है, लेकिन कोई भी अधिकारी घटनास्थल पर नहीं गया परेशान होकर भीम आर्मी के लोगों ने एसडीओपी मेडम को इसकी जानकारी दी तब जाकर वो पिपलिया गए लेकिन आकर कहा कि वो नहीं मिला। एसडीओपी मेडम को जानकारी देने कि बात पर थाना प्रभारी हमारे ऊपर नाराज़ हुए और हमे डांटा।
थाने पर भीम आर्मी ज़िला मुख्य प्रभारी राजकुमार आज़ाद, ज़िला संरक्षक रामेश्वर मालवीय, तहसील अध्यक्ष राजेश वर्मा, संभाग सचिव दीपक वाल्मीकि, तहसील उपाध्यक्ष गोविन्द आज़ाद, मुख्य प्रभारी रामसिंह बामनिया, राजकुमार वर्मा, बलराम वर्मा, संगठन मंत्री शिवराज आज़ाद, कमल मालवीय, दीपक मालवीय, एवं भीम आर्मी के आस पास कि ग्रामीण टीम के लोग उपस्थित हुए तब जाकर रात्रि 8 बजे एफआइआर दर्ज कि गई।
सवाल “सबूत होने के बाद भी एफआइआर के लिए क्यूँ करवाया 24 घंटे इन्तजार”??
आखिर क्या रहा इसका कारण?