एवं मूत्रालय बदहाल बुरहानपुर के कमल टॉकीज चौराहे पर बनी मूत्रालय मैं जिले भर से आए लोग आते जाते हैं
परंतु जब वह वहां जाते हैं तो वहां से मुंह पर कपड़ा लगाकर वापस चलते हैं क्योंकि वहां की स्थिति इतनी खराब है कि कितने में इमरजेंसी आ जाए आदमी वहां जाना पसंद नहीं कर रहा है
वहां की फारसी अभी उखड़ गई है यदि गलती से कोई स्लिप हो जाए तो वह बुरी तरह निपट सकता है परंतु नगर निगम ईश्वर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है जब इसका निर्माण हुआ
था तो वह बहुत ही सुंदर और आकर्षित लगती थी परंतु उसके बाद किसी भी प्रकार से जिले की शौचालय हो या मूत्रालय की कंडीशन बहुत खराब है स्वच्छ भारत में हम सबसे आगे चल रहे हैं परंतु यह नजारा देखने के बाद में कहीं ना कहीं हमको अफ़सोस होता है । क्योंकि कागजों पर ही स्वच्छता दिख रही है।