महू। ग्राम टिही में खाती समाज के दबंगों ने रोका दलित रास्ता, सीएम हेल्पलाइन पर सिकायत के बाद दर्ज हुई एफआईआर, लेकिन नहीं हुई कार्यवाही।
महू। टीही में जातिवाद का जहर इस कदर बढ़ गया है कि दलित समाज के लोगों का आम रास्ते से निकलना बंद करवा दिया। वहां निवास करने वाली एक दलित समाज की महिला ने वीडियो के माध्यम से मदद की गुहार लगाई है। महिला ने वीडियो के माध्यम से बताया कि में अनुपमा सोलंकी ग्राम टीही तहसील महू जिला इंदौर की निवासी हूं। में अनुसूचित जाति (बलाई) समाज से हूं मेरे घर के सामने आम रास्ते से हमे खाती समाज के लोग निकलने नहीं दे रहे है। हमारे साथ आए दिन अभद्र व्यवहार किया जाता रहा है टीही गांव में ये रास्ता हमारे पूर्वजों के समय से है। इसी रास्ते से होकर आगे दलित समाज का शमशान था और आज भी बच्चो का शमशान उसी रास्ते पर है।
खाती समाज के लोग बोलते है की ये रास्ता हमारा निजी रास्ता है तुम लोग उस रास्ते से नही निकलोगे। हम हमारा घर बना रहे है तो खाती समाज के लोग हमे बोल रहे है की तुम्हारे घर का दरवाजा इस रास्ते की तरफ मत करो हम तुम्हे नही निकलने देंगे, ये रास्ता हमारा निजी रास्ता है रास्ते की बात को लेकर हमसे झगड़ा करते है। कुछ दिन पहले हमारे घर पर कार्यक्रम था जिसमें हमारे मेहमानों की गाड़ियां भी हटवा दी, गांव के लोग हमें बोलते हैं कि तुम नीची जाति के नीच लोग हो हम तुम्हारा चेहरा भी देखना नहीं चाहते।
रास्ते की कार्यवाही भू राजस्व विभाग में चल रही है उससे पहले तीन बार यह जमीन की नपती हो चुकी है। जब पहली बार जमीन नापी गई तो हमे किसी ने नही बताया, दूसरी बार में बीच रोड पर पॉइंट आया तो खाती समाज के लोगो ने जहर खा कर मर जाने की धमकी दी और वो पॉइंट हमारे घर की बावनड्री में करवा दिए।
3 मार्च को रास्ते का निराकरण करने के लिए गांव के सरपंच और अन्य अधिकारी आए उनके सामने ही खाती समाज के लोगों ने मेरे साथ मारपीट की, बीच बचाव के लिए आई उसे भी मारा वो गर्भवती है यदि उसको कुछ हो गया तो कोन जिम्मेदार रहेगा हमें पीटता देख मेरी मां आयी उसे भी डंडे से मारा जिससे उनके सिर में चोट लगी, मेरे पापा को और मेरे भाई को भी इन लोगो ने मारा है।
हम एफआईआर करने गए उससे पहले सरपंच साहब ने थाने पर उल्टी हमारी ही एफआईआर दर्ज करवा दी। मेरा भाई और छोटी बहन थाने पर गए तो दोनों को उसी समय वहीं बैठा लिया। और हमारी रिपोर्ट बहन नही लिखी परेशान होने के बाद सीएम हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया तब जाके हमारी रिपोर्ट लिखी जिसपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्रास केश होने के बाद भी राजनीतिक दबाव के कारण मेरे भाई को 151 में जेल में बंद करवा दिया और अब ये लोग जमानत नहीं होने दे रहे है।
हमारे साथ सदियों से भेद भाव होता आ रहा है। लेकिन सासन प्रशासन हमारी कोई मदद नहीं कर रहा है। महिला ने भीम आर्मी के मुखिया चन्द्रशेखर आजाद से भी मदद की गुहार लगाई है।