कबीर मिशन समाचार
विजय सिंह बोड़ाना
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख जिन्हें लोग प्यार से बहन कुमारी मायावती जी बुलाते हैं। आज ऐसी शख्सियत जो 15 जनवरी 1956 में जन्मी का 67वा जन्मदिवस है। राजनीति में साहब कांशीराम के संपर्क में आने के बाद निश्चित तौर पर उनका राजनेता बनना माना जाता है। जिस बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख आज मायावती है। उस बहुजन समाज पार्टी की स्थापना 1984 में साहब कांशीराम ने की थी। यदि भारत में बहुजन समाज के अंतर्गत अनुसूचित जाति की महिला मुख्यमंत्री की खोज की जाए तो सर्वप्रथम मायावती का नाम आयेगा। उत्तर प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रहने वाली दमदार नेता मायावती हैं। राजनीतिक जीवन में प्रवेश से पहले वे दिल्ली के एक स्कूल में शिक्षण का कार्य करती थी।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत में उन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर से लोकसभा का चुनाव 1989 में लड़ा और वे संसद सदस्य के रूप में निर्वाचित हुई। 1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुई। वर्ष 1995 में प्रथम भारतीय दलित महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। मायावती ने दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग लोगों के बीच की खाई को पाटा है। मायावती को राजनीति में लाने वाले काशीराम साहब कहां करते थे कि, बहुजन समाज पार्टी पहला चुनाव हारने के लिए, दूसरा चुनाव नजर में आने ले लिए और तीसरा चुनाव जीतने के लिए लड़ेगी।
मायावती के 6 भाई और 2 बहनें हैं। मायावती ने दिल्ली के कालिंदी कॉलेज से सन 1975 में स्नातक की डिग्री (BA) प्राप्त की है और उसके बाद सन 1976 में इन्होंने उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के वी.एम.एल.जी. कॉलेज से बीएड (B.Ed) की डिग्री की प्राप्त की। बाद में इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी (LLB) की पढ़ाई पूरी की।
बहुजन समाज के विचार में दलितों/अन्य पिछड़ी जातियों/आदिवासियों का नया चुनावी समीकरण निहित था, जिसके साथ यथासंभव मुसलमानों का समर्थन भी जुड़ा था। इसके अलावा, इसे सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तन के नारे के रूप में देखा गया था, जिस परिवर्तन के लिए आंबेडकरवाद से काफी कुछ उधार लेकर एक व्यवस्थित एजेंडा तैयार किया गया था। लेकिन सभी प्रताड़ित समुदायों के लिए बसपा ही मुख्य वैचारिक ताकत थी।