“ओवर एज हो चुके प्रतियोगी छात्र छात्राओं को अन्य राज्य सरकारो की भांति अधिकतम आयु सीमा में 4 वर्ष की छूट दे,”
कोरोनाकाल में मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा पिछले 3 सालों 2019, 2020 एवं 2021 की परीक्षाएं निर्धारित कैलेंडर अनुसार आयोजित ना कराकर अत्यधिक विलंब से आयोजित कराई गई हैं इस कारण लाखों प्रतियोगी छात्र छात्राएं ओवरेज होकर अपात्र हो गए हैं छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड, झारखंड द्वारा प्रतियोगी छात्र छात्राओं को अधिकतम आयु सीमा में 4 वर्ष की छूट एवं उड़ीसा राज्य द्वारा 2021, 2022 एवं 2023 तक की परीक्षा में बैठने की छूट दी है।
मध्य प्रदेश में ओवरेज होकर अपात्र होने वाले लाखों प्रतियोगी छात्र छात्राओं द्वारा मध्य प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री माननीय श्री इंदर सिंह परमार, गृह एवं संसदीय कार्य मंत्री माननीय श्री नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष माननीय श्री बीडी शर्मा एवं गणमान्य राज्य के उच्च राजनीतिक पदाधिकारियों को ज्ञापन देकर अधिकतम आयु सीमा में 4 साल की छूट देने का अनुरोध किया है ।
प्रतियोगी छात्र छात्राओं को अन्य राज्यों की तर्ज पर 4 साल की छूट दिए जाने हेतु माननीय श्री इंदर सिंह परमार सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री जी द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री विनोद कुमार को कार्यवाही करने हेतु नोटशीट लिखी है है परंतु अंतिम निर्णय माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान के लिए बगैर अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका है जबकि 2021 की परीक्षा की आवेदन की अंतिम तिथि 9 फरवरी है ।
प्रदेश के प्रतियोगी छात्र छात्राओं द्वारा प्रदेश सरकार से लगातार यह मांग की जा रही है कि उत्तराखंड झारखंड एवं उड़ीसा राज्यों की तरह से प्रदेश के युवाओं को भी लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली राज्य सेवा /वन सेवा 2021, 2022 एवं 2023 की परीक्षाओं में शामिल होने हेतु अधिकतम आयु सीमा मैं 4 साल छूट देकर अवसर दिया जाए ।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा अभी हाल ही में शासकीय सेवकों के लिए व्यापम द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं के लिए 55 साल तक की छूट प्रदान की है फिर ओवर एज होने वाले बेरोजगार प्रतियोगी छात्र छात्राओं के लिए तो अधिकतम आयु सीमा मैं मात्र 4 वर्ष की छुट की ही मांग की जा रही है ।
यदि राज्य सरकार द्वारा छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही नहीं की जाती है तो यह माना जावेगा कि प्रदेश सरकार प्रदेश के बेरोजगारों का हित नहीं चाहती है ऐसी स्थित सिविल सेवा की परीक्षा में जीवन समर्पित कर चुके लाखों प्रतियोगी छात्र छात्रों के भविष्य बर्बाद होने के लिए प्रदेश सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी।
अतः प्रदेश सरकार ओवरेज होने वाले लाखों प्रतियोगी छात्र छात्राओं के जीवन हित को ध्यान में रखते हुए स्वयं माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान उत्तराखंड, झारखंड एवं उड़ीसा राज्यों की तर्ज पर पीएसी द्वारा आयोजित होने वाली राज्य सेवा/वन सेवा 2021, 2022 एवं 2023 की परीक्षाओं के लिए अधिकतम आयु सीमा में 4 साल की छूट प्रदान करें ।