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राष्ट्रीय डेंगू दिवस जन-जागरूकता का हुआ आयोजन

राष्ट्रीय डेंगू दिवस जन-जागरूकता का हुआ आयोजन

दतिया से नगर संवाददाता विकास वर्मा की रिपोर्ट

दतिया राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर डेंगू के बारे में जन-जागरूकता का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न प्रकार की जानकारी प्रदाय की गई। डेंगू की जानकारी डेंगू की बीमारी डेन नामक वायरस के कारण होती है। एवं एडीज मच्छर के कारण फैलाई जाती है। इस प्रकार सवंमित मच्छर से मनुष्य में एवं रोगी व्यक्ति से एडीज मच्छर में बीमारी का संक्रमण होता रहता है। यह बीमारी किसी भी व्यक्ति हो सकती है। एडीज मच्छर के काटने से बचाव कर एवं एडीज मच्छर की पैदाइस अपने आस पास के स्थानों में एवं घरों में रोककर इस बीमारी से बचा जा सकता है।

डेंगू होने पर समय से सही उपचार लेकर रोगी ठीक हो सकता है। डेंगू के लक्षण डेंगू से संक्रमित व्यक्ति को 2-7 दिन बुखार, सिरदर्द, मांसपेसियों में दर्द, आखों के आसपास दर्द खसरा के जैसे चकते/दाने, छाती व दोनों हाथों में हो सकते हैं। गंभीर अवस्था में नाक, मसूड़ों, पेट/आंत से खून का रिसाव होना। मल काला होना, होंठ का नीला होना, और हिमेटोकीट 20 प्रतिशत या उससे अधिक बढ़ा हो, प्लेटलेट्स 50 हजार क्यूबिक मि.मी. या इससे कम हो। बुखार आने एवं इन लक्षणों के पहले ही दिन शासकीय चिकित्सालय में डॉक्टरी सलाह लेकर उपचार प्रारंभ कर देना चाहिए। बिलंब से उपचार के कारण डेंगू शॉक सिंड्रोम एवं डेंगू हेमरेजिक फीवर हो सकता है।

डेंगू का उपचार डेंगू बुखार के इलाज की कोई विशिष्ट दवा नहीं है। मरीज के बीमारी के जो-जो लक्षण दिलाई देते हैं उसी के अनुसार मरीज का उपचार किया जाता है। बुखार होने पर मरीज को केवल पैरासिटामाल गोली का सेवन कराना चाहिए। मरीज को सेलिसिलेट, एस्प्रिन अथवा अन्य दर्द निवारक गोली का सेवन नहीं कराना चाहिए। मरीज को अधिक पसीना, उल्टी अथवा दस्त होने से शरीर में पानी की कमी होती है। डिहाइड्रेसन न हो इस हेतु पर्याप्त मात्रा में पेय जैसे-जूस/चावल का पानी/कंजी/फलों का रस/पानी/ओ.आर.एस. का घोल लेना चाहिए। मरीज को आराम करना चाहिए।

7 दिन महत्वपूर्ण:-डेंगू वायरस की बीमारी होने के कारण अपना समय काल लगभग 7 दिन पूरा कर स्वतः ठीक हो जाती है। एक बार डेंगू होने और ठीक होने पर उसी वायरस सीरोटाइप से पुनः संक्रमण नहीं होता है।

डेंगू का फैलाव कैसे होता है डेंगू का फैलाव एडीज नामक सवंमित मच्छर के वजह से होता है। यह मच्छर काले रंग का होता है एवं इस पर सफेद धब्बे होते है। इसे टाइगर मॉस्किटो भी कहते है। जब मादा एडीज मच्छर रोगी व्यक्ति को काटती है तो खून से वायरस ले लेती है। ऐसा सवंमित मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो मनुष्य के शरीर में वायरस प्रवेश कर जाते है। मच्छर के काटने से डेंगू के लक्षण प्रकट होने में 5 से 6 दिन (3 से 10 दिन हो सकता है) का समय लगता है। यह मच्छर घर के अंदर एवं घर के बाहर अंधेरे एवं नमीयुक्त जगह बर्तन पर, घरों में अल्मारी में जहां कपड़े लटकते रहते है।

डेंगू की रोकथाम हेतु अपनाए यह उपाय:-

डेंगू फैलाने वाले मच्छर रूके हुए साफ पानी में अंडे देते है इसलिए- घर के आसपास तथा कंटेनरों में पानी 3-5 दिन से ज्यादा जमा न होने दें। कूलर तथा पानी के बड़े बर्तनों की सप्ताह में एक बार सफाई अवश्य करें। छत पर एवं घर के पीछे रखे अनुपयोगी सामान टूटे बर्तन, मटके, खुली टंकियां, बेकार फेंके हुए टायर, गमले इत्यादि में बारिश का पानी जमा न होने दें। पानी से भरे कंटेनरों का ढक्कर रखे ताकि मच्छर उसमें अंडे न दे सके।

लार्वा विनिष्टीकरण हेतु अनुपयोगी पानी में जला हुआ इंजन ऑयल/कैरोसीन/खाने का तेल डाला जा सकता है। सोते समय मच्छरदानी लगाए, पूरी बांहे के कपड़े पहने। खिड़की दरवाजों में मच्छररोधी जाली लगाए। बुखार जाने पर मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनियां की निःशुल्क जांच शासकीय अस्पताल में कराये। मलेरिया होने पर पूर्ण उपचार लें, अनुरोध है कि- अपने घर, स्कूल, कार्यालय, अस्पताल, परिसर को स्वच्छ रखें एवं स्वस्थ रहें।कार्यशाला का किया आयोजन, डेंगू के प्रति जागरूकता लाने के लिए मलेरिया विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अन्य विभागों से समन्वय कर डेंगू कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस दौरान कार्यालय जिला पंचायत दतिया, जिला सेनानी कार्यालय होमगार्ड दतिया और मूक बधिर विद्यालय में विभागीय दल ने पहुंचकर विभाग प्रमुखों के साथ कर्मचारियों को डेंगू से संबंधित जानकारी दी और आमजन को उक्त जानकारी से अवगत कराने की अपील की

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