कबीर मिशन समाचार।
नीमच। शहर का जाना माना चिकित्सालय गुप्ता नर्सिंग होम पहले भी सुर्खियों में आया है और अभी भी सुर्खियों में चल रहा है। एक ऐसा ही वाक्या नीमच में देखने को मिला है जहाँ बंशीलाल पिता सद्दाराम बंजारा निवासी सावनकुंड द्वारा कलेक्टर महोदय को आवेदन देकर शिकायत की गई कि गुप्ता नर्सिंग होम के चिकित्सक डॉ. संजय गुप्ता द्वारा लापरवाही पूर्वक मेरे पुत्र का उपचार किया गया। बंशीलाल द्वारा बताया गया कि गत दिनांक 29 अप्रैल 2022 को मेरे पुत्र अरुण (15 वर्ष) को अपेंडिक्स का ऑपरेशन करवाने के लिए गुप्ता नर्सिंग होम नीमच में भर्ती करवाया गया था। ऑपरेशन के पूर्व चिकित्सक डॉक्टर संजय गुप्ता द्वारा मेरे पुत्र को एनेस्थीसिया दिया था किंतु चिकित्सक द्वारा पूर्ण रूप से लापरवाही करते हुए एनेस्थीसिया की अतिरिक्त डोज़ देने के कारण मेरे पुत्र का रक्तचाप काफी कम होने लगा, उस समय चिकित्सक द्वारा ऑक्सीजन देकर रक्तचाप नियंत्रण किया तथा रक्तचाप नियंत्रण होने के उपरांत डॉक्टर संजय गुप्ता ने अरुण की स्थिति ऑपरेशन के योग्य नहीं होने पर भी ताबड़तोड़ तरीके से ऑपरेशन कर दिया ऑपरेशन के बाद बच्चे का रक्तचाप नियंत्रित नहीं होने के कारण डॉक्टर द्वारा पुत्र के पिता से कहा गया कि बच्चे की स्थिति खराब हो रही है आप इसे उदयपुर या अन्य किसी अच्छे हॉस्पिटल में ले जाएं जिसके बाद डॉ गुप्ता द्वारा स्वयं एंबुलेंस बुलाकर बच्चे को दूसरे हॉस्पिटल में ले जाया गया और पुत्र के पिता बंसीलाल से कहा कि बच्चे को कुछ नहीं होने दूंगा इसका इलाज में करवाऊंगा। इलाज में जितना भी खर्चा लगेगा वो मेरे द्वारा भुगतान किया जाएगा। और डॉ. द्वारा बंशीलाल बंजारा से कहा कि आप कोई कार्यवाही मत करना। तत्पश्चात बालक अरुण को उदयपुर जे.के पारस चिकित्सालय में ले जाया गया और भर्ती करवाया गया बालक अरुण के उपचार में गुप्ता नर्सिंग होम के चिकित्सक द्वारा इतनी लापरवाही की गई कि बालक की स्थिति नाजुक हो गई और बालक अभी तक होश में नहीं आया जे.के पारस चिकित्सालय में उपचारत बालक अरुण के इलाज का भुगतान डॉक्टर संजय गुप्ता द्वारा किया गया जिसमें कुल राशि 400000 रुपए दिए गए। उपचार के आगे के खर्च के लिए जब बंशीलाल बंजारा द्वारा डॉक्टर संजय गुप्ता को फोन लगाया गया और शेष राशि की मांग की गई तो डॉक्टर गुप्ता द्वारा बंशीलाल बंजारा के साथ गाली गलौज कर अभद्र एवं अशोचनीय व्यवहार करते हुए धमकी दी गई कि उनकी राजनीतिक पहुंच बहुत आगे तक है,कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। और मेरे पास बहुत रुपया है मैं किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने दूंगा।
प्रार्थी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वह अपने पुत्र का इलाज करवाने में असमर्थ है। प्रार्थी भूमिहीन व्यक्ति है तथा उसका कोई आय का स्थाई स्त्रोत भी नहीं है अतः बंशीलाल बंजारा द्वारा कलेक्टर श्री मयंक अग्रवाल को आवेदन दिया और पूरे मामले की स्थिति बताएं जिसके बाद कलेक्टर द्वारा फरियादी को आश्वासन मिला। और कलेक्टर द्वारा पांच चिकित्सकों की टीम गठित की गई और जांच के आदेश दिए गए। हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. संजय गुप्ता द्वारा लापरवाही पूर्वक एक 15 वर्षीय मासूम के जीवन से खिलवाड़ किया गया। ऐसे ही कई मामले गुप्ता नर्सिंग होम मैं होते हैं जिसमें डॉक्टरों द्वारा लोगों से अवैध वसूली करते हैं। लोगों को डरा दिया जाता है और पैसे ऐड़ लिए जाते हैं। और तो और चिकित्सालय के अंदर ही मेडिकल है,और मार्केट से महंगी दवाई गोली दी जाती है। गुप्ता नर्सिंग होम में जब कोई मरीज आता है तो सामान्य इलाज को गंभीर रूप देकर लोगो को डरा दिया जाता है। कई महिलाओं की सामान्य डिलेवरी को भी इंजेक्शन के माध्यम से ऑपरेशन का रूप दे देते हैं। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी गुप्ता नर्सिंग होम किसकी शरण में है? क्या सच्चाई पता चलने पर होगी कोई कार्यवाही? या इसमें भी हो जाएगी लीपापोती……