जिला ब्यूरो चीफ योगेश गोविन्दराव,
कबीर मिशन समाचार पत्र,
कुशीनगर, उत्तर प्रदेश। रामकोला विकास खंड के अब्दुल चक (अवध नगर) में चल रहे नौ दिवसीय रूद्र महायज्ञ का आज सातवें दिन की कथा सुनाते हुए पंडित प्रदीप सागर ने भगवान राम की लंका चढ़ाई की कथा सुनाते हुए कहा कि कहा कि लंका चढ़ाई के समय श्रीराम ने विनयपूर्वक समुद्र से मार्ग देने की गुहार लगाई। समुद्र से आग्रह करते हुए श्रीराम को तीन दिन बीत गए। लेकिन समुद्र का उस पर कोई प्रभाव नहीं हुआ तो भगवान राम ने कहा कि अब अपनी शक्ति से उसमें भय उत्पन्न करना अनिवार्य है।
कथा सुनाते हुए पंडित सागर ने कहा कि हनुमानजी ने खोज करके श्रीराम को बताया कि सीता माता रावण की लंका में हैं तो श्रीराम अपनी वानर सेना के साथ दक्षिण क्षेत्र में समुद्र किनारे पहुंच गए थे। श्रीराम वानर सेना सहित समुद्र किनारे तीन दिनों तक रुके हुए थे। श्रीराम ने समुद्र से प्रार्थना की थी कि वह वानर सेना को लंका तक पहुंचने के लिए मार्ग दें, लेकिन समुद्र ने श्रीराम के आग्रह को नहीं माना। तीन दिनों के बाद श्रीराम समुद्र पर क्रोधित हो गए।
अंत में समुद्र ने भगवान के भय को समझा और समुद्र पर पुल बांधने का उपाय बताया। नल नील को मिले वरदान के माध्यम से समुद्र पर पुल राम सेतु बांध दिया गया। आज भी भगवान राम के लंका चढ़ाई का सबूत रामसेतु समुद्र में है। नौ दिवसीय रूद्र महायज्ञ का समापन 13 जून को विशाल भंडारे के साथ सम्पन्न होगा।
इस अवसर पर रिटायर्ड जज आर बी राव, एसएन राव,पूर्व प्रधान अरविंद राव, कन्हैया मद्धेशिया, कन्हैया यादव, अनिल गुप्ता, छोटेलाल यादव, छोटेलाल मद्धेशिया,भोला मद्धेशिया, विनोद गुप्ता, रमेश यादव, शम्भू गुप्ता, प्रभु गुप्ता, खूब लाल, मद्धेशिया,ठगई गुप्ता सहित तमाम भक्त गण मौजूद रहे।