उज्जैन 06 नवम्बर। कलेक्टर श्री आशीष सिंह के द्वारा उज्जैन जिले के दुधारू पशुओं (गाय तथा भैंस) में लंपी स्कीन डिसिज के फैलाव को रोकने के लिये प्रतिबंधात्मक आदेश पूर्व में जारी किया गया था। परिस्थितियों के आंकलन उपरांत कलेक्टर द्वारा उक्त आदेश में संशोधन करते हुए सम्पूर्ण जिले के पशु बाजारों को भैंसवंशीय पशुओं के क्रय-विक्रय हेतु शर्तों के अधीन प्रतिबंध से मुक्त किया गया है।
कलेक्टर द्वारा संशोधित आदेश के तहत पशु हाट बाजारों में केवल भैंसवंशीय पशुओं का क्रय-विक्रय होगा। पशु हाट बाजारों में राजस्थान या अन्य प्रदेशों के भैंसवंशीय पशुओं को लाकर क्रय-विक्रय एवं परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। पशु हाट बाजारों में जिले से बाहर के भैंसवंशीय पशु विक्रय हेतु प्रतिबंधित रहेगा। केवल स्थानीय भैंसवंशीय पशुओं का क्रय-विक्रय होगा। पशु हाट बाजार में आने वाले समस्त भैंसवंशीय पशुओं का बाजार में प्रवेश के पूर्व सेनीटाइज करने की जवाबदारी नगर पंचायतों/ग्राम पंचायतों की रहेगी। भैंसवंशीय पशुओं के परिवहन में उपयोग होने वाले वाहनों के बाजार में प्रवेश के पूर्व सेनीटाइज करने की जवाबदारी नगर पंचायतों/ग्राम पंचायतों की रहेगी।
बाजार में किसी भैंसवंशीय पशु की मृत्यु होने पर पशु को आबादी क्षेत्र और जलस्त्रोत से दूर गहरे गड्ढे में गाड़ने की सम्पूर्ण जवाबदारी नगर पंचायतों/ग्राम पंचायतों की रहेगी। पशु हाट बाजारों में आने वाले भैंसवंशीय पशु और उसके विक्रेता की जानकारी समीपस्थ पशु चिकित्सालयों में पशु बाजार के दूसरे दिन लिखित में देना अनिवार्य होगा। पशु हाट बाजार में भैंसवंशीय पशु के बीमार होने पर उसे हाट बाजार से दूरस्थ स्थान पर रखकर उपचार कराने की व्यवस्था विक्रेता एवं नगर पंचायतों/ग्राम पंचायतों की रहेगी। पशु हाट बाजार के समाप्त होने पर समस्त पशु हाट बाजार क्षेत्र के सेनीटाइजेशन की जवाबदारी नगर पंचायतों/ग्राम पंचायतों की रहेगी। यदि जिले में भैंसवंशी पशु में लंपी स्कीन डिसिज के लक्षण दिखते हैं अथवा सूचना प्राप्त होती है तो पशु हाट बाजारों को बन्द कर दिया जायेगा।
उक्त आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया गया है। शेष आदेश पशु बाजारों पर यथावत प्रभावशाली रहेगा। आदेश का उल्लंघन भादंसं-1860 की धारा-188 के अधीन दण्डनीय होगा।