संचालकों से साठगांठ करने का आरोप महाजन ने लिखा उपमुख्यमंत्री को शिकायत की पत्र तत्काल कार्रवाई की मांग कबीर मिशन समाचार जिला सीहोर।संजय सोलंकी की रिपोर्ट।सीहोर। सरकारी जिला अस्पताल के
बिगड़े हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं विपक्षी कांग्रेस नेताओं की तो छोड़ो सत्ता पक्ष के भाजपा नेता भी डॉक्टरों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता गौरव सन्नी महाजन ने रविवार को जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और प्रबंधन पर जबरदस्त आरोप लगाए हैं उन्होंने जिला अस्पताल
में साजिश के तहत जानबूझकर हड्डी रोगों से संबंधित ऑपरेशन बंद करने और निजी अस्पतालों के संचालकों से साठं गांठ कर मोटा पैसा बनाने के लिए हड्डी से संबंधित मरीजों को उनके अस्पतालों में जबरन भेजने और मरीजों को परेशान करने के लिए ओपीडी में ऑनलाइन टोकन सिस्टम से पर्चे बनाने के
खुले आरोप लगाए हैं, इस संबंध में महाजन के द्वारा रविवार को उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ कल्याण मंत्री मध्य प्रदेश शासन राजेंद्र शुक्ल को शिकायती पत्र लिखकर तत्काल जिला अस्पताल में हड्डी रोगियों के हित में हड्डी ऑपरेशन शुरू कराई जाने और ओपीडी में
मोबाइल के माध्यम से किए जा रहा है रजिस्ट्रेशन के साथ सामान्य तौर पर पूर्व की तरह मरीज के पर्चे बनाए जाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दिए जाने और निजी अस्पताल संचालकों से साठगांठ कर भाजपा सरकार को बदनाम करने वाले डॉक्टरो पर सख्त कार्यवाही किए जाने कि मांग की है।
उपमुख्यमंत्री को लिखे पत्र में भाजपा नेता गौरव सन्नी महाजन ने कहा कि जिला अस्पताल में शासन द्वारा प्रर्याप्त मात्रा में हडडीरोग विशेषज्ञ एवं सभी प्रकार के आपरेशन में उपयोग होने
वाले यंत्र जिला चिकित्सालय सीहोर को उपलब्ध कराये गये है लेकिन कुछ चिकित्सकों की प्राईवेट अस्पताल के साथ संठ-गांठ होने के कारण सीहोर जिला
चिकित्सालय में हड्डी के सम्बंधित आपरेशन बंद कर दिये गये है। जिला चिकित्सालय के सम्बंधित अधिकारियो से इस विषय पर चर्चा करने पर यह उत्तर दिया जाता है कि आपरेशन में उपयोग होने वाली सामा मशीन खराब पडी है यह पूर्णता जिला चिकित्सालय के अधिकारियों के लापरवाह रवैये को दर्शता है। महाजन ने कहा कि पहले जिला
चिकित्सायल में ओपीडी राजिस्ट्रेशन मौखिक रुप से अपना नाम बताकर मरीजों और उनके परिजनों के द्वारा करा लिया जाता था लेकिन अब मोबाईल द्वारा आनलाईन राजिस्ट्रेशन किया जाता है जिस कारण ग्रामीण क्षेत्र के मरीज को
और उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना होता है आईटी’एस नवीन व्यवस्था के साथ पुरानी व्यवस्था भी होना चाहिए जिससे कि मरीज अपना इलाज सरलता से जिला अस्पताल में शुरू करवा पाए।