पहले लिस्ट में भी हुआ था विरोध, 4 सीटो पर बदलने पड़े थे प्रत्याशी।
शाजापुर। शाजापुर कांग्रेस की दूसरी लिस्ट जारी होते ही शाजापुर जिले में कांग्रेस समर्थकों में नाराजगी देखने को मिल रही है, शुजालपुर से विधायक कैंडिडेट की दावेदारी रामवीर सिंह सिकरवार और योगेंद्र सिंह बंटी बना कर रहे थे, देर रात को कांग्रेस द्वारा शुजालपुर से विधायक प्रत्याशी के रूप में रामवीर सिंह सिकरवार के नाम पर मुहर लगाई गई।
जिससे नाराज होकर योगेंद्र सिंह बंटी बना समर्थकों द्वारा आज शुजालपुर मे क्षेत्र कई जगह विरोध प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी रामवीर सिंह सिकरवार का पुतला जलाया गया। इस दौरान सिकरवार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
कांग्रेस में कार्यकर्ता व्यक्तिवादी सोच रखते हैं और वहीं भाजपा में पार्टीवादी सोच के कार्यकर्ताओं को देखा जाता है। कांग्रेस में एक को टिकट मिलती है तो दुसरे गुट से टिकट मांगने वाले उम्मीदवारों का विरोध शुरू हो जाता है। कुछ जगह पर खुलकर विरोध नहीं होता है तो अंदर से ही कांग्रेस को खोखला करने के लिए वोट बदलने का काम करते हैं। साथ ही पार्टी के प्रत्याशी को जीतने में साथ तो दिखते हैं लेकिन साथ देते नहीं, न काम करते हैं और न अपने कार्यकर्ता को काम करने के लिए तैयार करते हैं।
इसका सीधा फायदा भाजपा को जीत हासिल करने में अप्रत्यक्ष रूप से मदद ही मिलती है। वहीं भाजपा में कोई भी व्यक्ति उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो सभी पार्टी के निर्देश और निर्णय को सर्वोपरि मानते हुए केवल पार्टी को जिताने का काम करते दिखाई देते हैं। और यही कारण भाजपा की पकड़ बूथ पर मजबूती से बनी हुई है। खैर फिर भी भारतीय जनता पार्टी में विरोध देखा जाता है लेकिन ऐन वक्त पर सभी को साध लिया जाता है और अंत में अपने उम्मीदवारों को जिता लाते हैं।
यदि इस बार भी ऐसा ही हुआ तो कांग्रेस को बहुमत हासिल करने में बहुत कठिनाई होगी और समय रहते विरोधी गतिविधियां पर तालमेल बैठाना जरूरी हो जाता है। भाजपा में कोई टिकट का विरोधी होता है तो वहां चुपचाप बैठे रहता है या सीधे दल ही बदल लेता है लेकिन वोट नहीं बदलता है जिसका असर आप मप्र के उपचुनाव में देख चुके हैं।