राजगढ़: प्राचार्य के लेट पहुंचने पर पत्रकार ने लगाई थी खबर, रंजिश की वजह से करदी पत्रकार पर झुटी एफआईआर दर्ज, लोक तंत्र का चोथा स्तंभ दिख रहा अधिकारियों कर्मचारियों के पैरो में आखिरकार क्यो हो रहा है। मध्य प्रदेश में पत्रकारों पर अत्याचार शिवराज सरकार भी मोन, एक के बाद एक आ रहे है।
नए मामले सामने पूरा मामला यहां है कि एफआईआर दर्ज करा ने से पहले पत्रकार ने समस्त जानकारी पुलिस को दे दी थी। उसके बाद भी पचोर पुलिस प्रशासन ने राजनीतिक दबाव में आकर की पत्रकार दीपक कुमार पर कारवाही, बिना जांच पड़ताल के पुलिस प्रशासन ने कि एक तरफा कारवाही पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के संज्ञान में ला दिया था।
मामला उसके उपरांत भी पत्रकारों को झूठे प्रकरण में फंसाया गया, पत्रकार पर कार्रवाई और प्राचार्य पर मेहरबानी जिला शिक्षा अधिकारी दे जवाब आखिरकार प्राचार्य पर क्या की गई कारवाही आज मामले लो 15 दिन होने को आए है । अभी तक क्यो नी की गई कारवाही क्या शासन प्रशासन राजनेतिक नेताओ के हाथ की कट पुतली बनकर रह गए है।
आखिर कार क्या सच दिखाने की सजा यही है देश सविधान से चले गा या भाजपा, कांग्रेस की रूल बुक से जिला शिक्षा अधिकारी जवाब दे आखिर कार लोकतंत्र सेनानियों की बात को किया जा रहा अनदेखा।
मैं शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से कहना चाहूंगा कि एसे अधिकारी कर्मचारी पर तुरन्त उचित कार्यवाही करे जो संविधानिक गति विधियों में लिप्त है और करते है अपनी मनमानी जिले के तमाम अधिकारी कर्मचारियों पर मामला संज्ञान में लेकर करे कारवाही आप से न्याय की उम्मीद है।