गोवर्धन परमार। कबीर मिशन जिला ब्यूरो चीफ (रतलाम)9009559097
सामुदायीक स्वास्थ्य केन्द्र ताल पर कई सुविधाओं का अभाव, बाहर पिने का पानी, बगीचा एवं पार्किग व्यवस्था आवश्यक सैकडो की संख्या में प्रतिदिन आते ही मरीज एवं उनके परिजन,यह बात सौ प्रतिशत सत्य है कि हमारा राष्ट्र विशाल राष्ट्र है और फिर उस मान से समस्याऐं भी अनगिनत है। परंतु कुछ समस्याऐ या तो संबंधितो की जानकारी मे नही आती है
या फिर नजर अंदाज कर देने से या फिर कथित रूप से गैर जिम्मेदाराना रवैय्या अपनाने के कारण या फिर व्यक्तिगत रूप से समस्याओं के निराकरण के समय पर उचित प्रयास नही करने के कारण जन समस्याऐ धीरे धीरे बढते हुवे विकराल रूप ले कर कई बार उन समस्याओ के निराकरण नही होने से जनधन की हानि की संभावना भी बनी रहती है और फिर आमजनता या तो सीस्टम को जी भर के कौसती है या फिर मन मसोज कर रह जाती है या फिर जिनकी कोई लापरवाही नही है उनको जनता के कौप का भोजन बनना पडता है।
ताल के सामुदायीक, स्वास्थ्य केन्द्र जो ताल जावरा रोड जिसे जावरा आगर टु लेन मार्ग के नाम से जाना जाता है,इस रोड के समीप बने सामुदायीक स्वास्थ्य केन्द्र की बात करते है। जिसमें प्रतिदिन करीबन 100 गांव से अधिक के आमजन /महिला/पुरूष /बच्चे मरीज एवं उनके परिजन आते है एवं अपना उपचार कराकर चले जाते है या फिर कुछ यही एडमीट होने से यही रूकना पडता है। परंतु शासन द्वारा करीबन एक करोड पचास लाख रूपये से अधिक की राशि शासन ने खर्च कर विनोद सेठ पितलीया जिन्होने करोडो रूपये की जमीन अपने स्वर्गीय पिता सेठ रतनलाल जी पितलीया की स्मृति मे उक्त हास्पिटल के निर्माण के लिये भुमि दान कर दी और फिर इस दान मे मिली भुमि से सामुदायीक भवन का निर्माण किया।
जिसमें करीबन 4-5 सालो से हास्पिटल, का संचालन हो रहा है परंतु सबसे पहले तो यहां वर्षो से महिला चिकित्सक का पद रिक्त है। उसे किसी भी पार्टी ने रूचि नहीं लेते हुवे ओपचारीकता पुरी कर महिला चिकित्सको की नियुक्तियां कराई जो आज तक महिला चिकित्सक का पद रिक्त पडा है।
इसी प्रकार कई चिकित्सको की पोस्ट होने के बाद भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर आये डा. आर. के . पाल ने निरंतर 24 घंटे अपनी सेवाऐं देते रहे परंतु आप जिला स्वास्थ्य अधिकारी रतलाम के पद पर पदोन्नती हो चुकी है। जिस कारण वर्तमान मे डा.0राहुल अहिरवार ने ताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का पद भार संभाला होकर अपनी सेवाऐं दे रहे हें,परंतु यहां पर आने वाले मरीजो एवं उनके परिजनों के पिने, के पानी के लिये हास्पिटल के अंदर व्यवस्था है परंतु प्रवेश द्वार के आस पास कहीं भी पिने ,के पानी, की व्यवस्था नही होने से सुत्रो से मालुम हुवा कि कुछ लोगों ने सामुहिक रूप से चंदा कर मिट्टी की नांदे लाकर रखकर प्रवेश द्वार के बाहर पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की है।
इसी प्रकार मरीज एवं परिजनो को यदि भोजन आदि करना हो तो कोई बगीचा भी नही है कि बगीचे मे बैठ कर सुकुन से मरीज भोजन आदि कर सकें या बगीचे मे घुम सकें। इसी प्रकार दो पहीया वाहन एवं चार पहिया वाहन खडे करने के लिये उचित पार्किग की भी व्यवस्था नही है। अक्सर देखने मे आता है कि कई बार वाहन बेतरतीब खडे कर देते हे जिससे अपातकालीन समय मे मरीजो को लाने ले जाने मे परेशानी होती है।
वहीं हम आपको बता देे कि उक्त चिकित्सालय मे महिलाओं के प्रसव संबंधित मामले अधिक आने से मरीजो के साथ पजिन की संख्या अधिक रहने से उनको कई समस्याओं से दो चार होना पडता है। वहीं हास्पिटल के अंदर बाहर व्यवस्थित रूप से साफ सफाई की भी समुचित देखरेख करने की आवश्यकता होकर बेड बिस्तरो सहित चिकित्सक कक्ष मे भी चादर आदि की स्वच्छता का अभाव बना हुवा है इस मामले मे भी अधिकारी क्या निरीक्षण करते है ,यह विचारणीय ,वहीं हास्पिटल मे बताया जाता है आर्थिक रूप से आवक नही होने से कार्य नही हो पाते है
एवं जो मरीजो के पंजीयन ,शुल्क 5रूपये प्रति मरीज ली जाती है उससे काफी कम आय होती है आय का अन्य साधन नही होना बताया जाता हैवहीं उक्त मामलो को लेकर नवागत ,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0राहुल ,अहिरवार ने बताया कि बैठक मे मामलो से अवगत कराया जावेगा? अतिशिघ्र ,रा वाहन ,पार्किग ,बाहर पानी आदि की व्यवस्था कराई जावेगी।जिला स्वास्थ्य अधिकारी रतलाम डा. आर के पाल ने बताया कि मे उक्त सुविधाओं के लिये प्रयास करूंगा और अधिक से अधिक ताल के सामुदायीक, स्वास्थ्य केन्द्र को सुविधाऐ उपलब्ध हो इसके अथक प्रयास करते हुवे पत्र लिखुंगा।
वहीं मुख्य नगर पालिका अधिकारी कन्हैयालाल, सुर्यवंशी ने बताया कि मे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अहिरवार, से चर्चा कर पानी की टंकी आदि की व्यवस्था करूंगा। इसी प्रकार समाजसेवी संजय सिसौदिया से कबीर मिशन को उक्त समस्या से अवगत कराया तो आपने प्रवेश द्वार के बाहर वाटर, कुलर , मशीन, लगाने का आश्वासन दिया है। वहीं इसी प्रकार हास्पिटल के लिये भुमि दान दाता विनोद सेठ पितलीया ने कबीर मिशन को बताया कि मेने मेरे स्वर्गीय पिता सेठ रतनलाल जी पितलीया की स्मृति मे तीन बिघा भुमि हास्पिटल निर्माण के लिये दान दी थी जिसमे करीबन 5 सालों से मेरे नीजि ट्युबवेल से हास्पिटल मे पानी ,की सप्लाई हो रही है। जिसका बिजली के बिल का भुगतान मेरे द्वारा किया जाता है। मेरी ट्युबवेल जब तक साथ दे रही है पानी की चिंता नही है।
परंतु जब ट्युबवेल मे पानी समाप्त हो जावेगा तो चिंता होगी। जिस कारण हास्पिटल के प्रमुख को भी हास्पिटल मे ट्युबवेल लगवाना चाहीये व तीन बिघा भुमि मे से मात्र बीस प्रतिशत भुमि पर हास्पिटल बना है। शेष 80 प्रतिशत के लगभग भुमि बची है। जिस पर बगीचा,वाहन पार्किग, आदि कार्य हो सकते है। बहरहाल सामुदायीक स्वास्थ्य केन्द्र की प्रशासन को सुध लेते हुवे उपरौक्त समस्त जनहितेषी जन समस्याओं से जुडे मामलो मे संज्ञान लेकर आमजनता को राहत देना चाहीेये। ऐसी मांग जिला कलेक्टर नरेन्द्र कुमार, सुर्यवंशी से आमजनता ने की है।