कबीर मिशन समाचार।
जावद। शहर के नीमच रोड स्थित अग्रेशन भवन पर पत्रकार वार्ता आयोजित कर भाजपा नेता समंदर पटेल ने भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का किया खुलासा।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर जहां प्रदेश भर में धमाल मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर एमपी के अंतिम विधानसभा क्षेत्र 230 में भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। जिसके चलते दल बदलू नेताओं का दौर जारी है इसी कड़ी में शुक्रवार को वर्ष 2020 में कांग्रेस पार्टी से निकलकर भाजपा का दामन थामने वाले समंदर पटेल अब एमपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ थाम लिया हालांकि चर्चाओं के मुताबिक इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं की समंदर पटेल वह विधानसभा क्षेत्र 230 में टिकट की मंशा से आ रहे हैं ऐसे में आज समंदर पटेल द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने खुलकर भाजपा सरकार के साथ क्षेत्रीय विधायक ओमप्रकाश सखलेचा जो वर्तमान में कैबिनेट मंत्री भी है जिनके गृह क्षेत्र में किसानों सहित उनके समर्थकों की आवाज दबाई जा रही यह उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान गंभीर आरोप लगाया है इसी के साथ कई मुद्दों पर उन्होंने अपनी खुलकर बात की है। समंदर पटेल ने प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा में लगातार साढ़े तीन साल से मेरे कार्यकर्त्ताओं के साथ जो दूर व्यवहार, अपमान व जूठे मुकदमे आर्थिक रूप से नुकसान को सहन नहीं कर सकता हूँ, कार्यकर्ताओं के हितो व मान-सम्मान के लिए में भाजपा छोड़ रहा हु तथा मंत्री सखलेचा व उनके साथियों के द्वारा क्षेत्र में हर जगह कार्य में भारी भ्रष्टाचार व वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं को लगातार अपमानित किया जा रहा है। ओमप्रकाश सखलेचा के मंत्री बनने के बाद जावद क्षेत्र की जनता पर जो अत्याचार और भ्रष्टाचार हुए हैं उसकी नीचे से उपर तक कोई सुनवाई नहीं हुई, जिससे आहत होकर मैंने बीजेपी छोड़ दी और मंत्री सखलेचा के आतंक के खिलाफ लोहा लेने के लिए कांग्रेस के साथ आया हूं और मंत्री सकलेचा की जो चंडाल चौकड़ी है, मण्डल एंड कंपनी के कारण लोगों में भय व्याम है। पुलिस थानों पर जो खुली वसूली हो रही ऐसा म.प्र. में कहीं नहीं देखने में आया है।
यहां के सारे सरकारी दफ्तरों में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त व ठेके पर पोस्टिंग हो रही है। समंदर पटेल ने यह भी कहा कि 20 सालो से जावद को मंत्री सखलेचा ने बंधक बना रखा और वह उनके समर्थकों के लिए जावद कमाई का साधन बन गया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण आसन दरियानाथ मठ की सरकारी भूमि है, जिसे उन्होंने अवैध तरीके से हथिया ली और इस पर लोन उठा लिया। इस मामले की भी सीबीआई जांच होनी चाहिए। 20 सालो से जावद को व्यापार का हब बनाने का झूठा दावा करने वाले मंत्री सखलेचा ने सौलर माफियाओं के साथ मिलकर किसानों की हजारों बीघा जमीन को हथिया लिया और जावद के एक भी व्यक्ति को नौकरी नहीं दी है और ना ही जावद में अब तक कोई उद्योग लगा एवं उनकी खनिज माफियाओं के साथ खुली सांठ-गांठ है इसका उदाहरण भी सुवाखेड़ा इलाके में साफ तौर पर देखने को मिलता वहां की हजारों बीघा जमीन विक्रम सीमेंट फैक्टरी को दे दी और इस फैक्टरी में आज तक भी क्षेत्र के बेरोजगारो को नौकरी नहीं मिली है यहां सिर्फ उन्होंने केवल अपने एक सीपे सलहाकार के अलावा किसी भी बेरोजगार को नौकरी नहीं दी है। एक तरफ जहां गरीब व मजलूम किसानों की जमीनों पर सरेआम बुल्डोजर चलवा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ गोपाल चारण जैसे भ्रष्ट जनपद अध्यक्ष को सरेआम संरक्षण देते हुए भी दिखाई दे रहे हैं जबकि गोपाल चारण को पद से तत्काल रूप से हटाया जाना चाहिए व अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। मंत्री सकलेचा के कार्यकाल में रेल माफिया, निज माफिया, जमीन माफिया और पुलिस के दलाल समूचा प्रशासन ठेके पर चला रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी खुद मंत्री सखलेचा उनके करीबियों के आतंक से डरे हुए व क्षेत्र में किसानो को अपने क्षेत में मिट्टी व गृह भराव हेतु लाल मिट्टी भर्ती के नाम पर लुट कसोट मचा रखी है। इनका सारा हिसाब-किताब नीमच का एक कथित कारोबारी देख रहा जिसके साथ मंत्री सखलेचा की हिस्सेदारी है उसको बेशकिमती सरकारी जमीनें कौड़ियों के भाव में दिलवा रहे हैं। इस पूरे मामले की भी सीबीआई जांच होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि वह कारोबारी सोयाबीन और एथेनोल प्लांट डाल रहा है। जावद को जापान बनाने के खोखले दावे अब आम लोगों के सामने आ चुके हैं। जहां जावद क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डिलेवरी कराने के लिए डॉक्टर और स्टॉफ नहीं वहीं 2004 में 30 करोड़ का ट्रस्ट बनाकर जावद की जनता को मेडिकल सुविधा देने का सपना दिखाने वाले मंत्री सखलेचा की सारी पोल खुल चुकी है। समंदर पटेल ने मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा पर गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि हिंदूत्व का मंत्र बोलने वाले मंत्री सखलेचा ने 20 वर्षों के कार्यकाल में सुखानंद धाम के विकास में एक ईंट भी नहीं लगाई है व महिलाओं को बदलने हेतु कमरे की व्यवस्था भी नहीं करवा पाए और लोगों को सांप्रदायिकता के नाम से भड़काकर वोट सेने में अग्रणी रहे हैं। इन्होने भ्रष्टाचार का एक अनोखा सिस्टम बनाया। सालभर पहले हुए नगरीय निकाय और जनपद पंचायत चुनाव के बाद जो लोग अध्यक्ष पद के दावेदार थे, उनसे निर्वाचित पार्षदों और जनपद सदस्यों को 4-5 लाख रूपये प्रति सदस्य भुगतान करवाया गया। इतना पैसा वांटकर अध्यक्ष बने नेता अब जमकर भ्रष्टाचार कर रहे व कार्य करने के नाम पर 10 प्रतिशत कमिशन मांगे जा रहे है। वहीं मंत्री सखलेचा आंखें मूंदकर सब देख रहे तथा उनकी भी कमिशन में भागीदारी हैं। शासन की जो भी योजनायें आती वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती, आंगनवाडी में अपने लोगो के नाम पर रूपय डाले जाते व डिजिटल स्कूलो में भरी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। अभी वर्तमान में इंदौर में खिलौना व फर्नीचर उद्योग के जमीनों के आवंटन में करोड़ो रुपयों का भ्रष्टाचार किया गया है उसकी भी सीबीआई जाँच होनी चाहिए।