कबीर मिशन समाचार
भोपाल मध्यप्रदेश
पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है, मप्र की जनता के बीच अब ये बात हास्य-उपहास का विषय बन गयी है कि भाजपा एक ऐसा उल्टा सर्वेक्षण करवा रही है जिससे ये मालूम पड़े कि कौन सा भाजपाई प्रत्याशी सबसे कम वोट से हारेगा, तो फिर उसे ही टिकट दिया जाये, जिससे डबल इंजन का डबल अपमान थोड़ा कम हो सके।
और तो और जनता के बीच ये बात भी चर्चा का विषय है कि मप्र का जो भी वरिष्ठ भाजपाई कल को दिल्ली के दावेदारों को चुनौती दे सकता है, उसको इसी विधानसभा में निपटाने की तैयारी है। इसीलिए इस शर्तिया हारे हुए विधानसभा चुनाव में ही उसे लड़वाकर और हरवाकर उसकी चुनौती को ख़त्म करने की रणनीति का खेल खेला जा रहा है। भाजपा के मंच प्रहसन-एकांकी के मंच जैसे बन गये हैं, जिसमें न कथा सच्ची है, न पात्र-अभिनय लेकिन नाटकीयता भरपूर है।
भाजपा के नाटक का पर्दा गिरने वाला है।
एक दूसरे ट्वीट में लिखा है “मध्य प्रदेश भाजपा में हताशा अपने चरम पर है। पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लेना बंद कर दिया और उन्हें मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर दिया। इसके जवाब में प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए पहले तो मुख्यमंत्री ने जनता के बीच यह पूछना शुरू किया कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं लड़ूं और अब सीधे पूछ रहे हैं कि मोदी जी को प्रधानमंत्री होना चाहिए या नहीं। पीएम और सीएम की जंग में, भाजपा में जंग होना तय है। जिन्हें टिकट मिला, वह लड़ने को तैयार नहीं है और जो टिकट की रेस से बाहर हैं, वह सबसे लड़ते फिर रहे हैं।”