समाजसेवी मनोज झा ने दिया “जय जवान जय किसान का नारा”
प्रदीप कुमार नायक
स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार
1962 के भारत – चीन युद्ध के बाद अमेरिका ने खाद्यान्न आयत पर निर्भरता बढ़ गई l लेकिन 1965 के भारत – पाक युद्ध के दौरान,अमेरिका ने भारत को युद्ध बन्द करने की धमकी दी, इससे पी एल 480 के तहत खाद्य आपूर्ति को निलंबित कर दिया गया l इन सबके बाद अक्टूबर 1965 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने आकाशवाणी पर देश को संबोधित करते हुए “जय जवान जय किसान” का नारा दिया l इस नारे का मकसद उन्हें संकेत देना था, उन्हें बताएं कि देश की वास्तविक शक्ति किसानों के निहित हैं,और भारत को आत्म निर्भर बनाता हैं l उसके बाद श्वेत और हरित क्रांति ने भारत के खेत और डेयरी उत्पादन को कई गुना बढ़ा दिया l
मधुबनी जिला बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी एवं समाज सेवी मनोज कुमार झा ने अपने निवास स्थान सररा गांव में एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहां कि भारतीय कृषि के सामने आनेवाली चुनौतियों में पर्यावरणीय,आर्थिक ,संस्थागत और तकनीकी चार मुख्य कारक शामिल है l जलवायु परिवर्तन ,अप्रत्याशित ,संस्थागत और मिट्टी का क्षरण, भेधता में योगदान देता हैं l आर्थिक संघर्षों में कम आय,ऋण पहुंच संबंधी समस्याएं और बाजार में अस्थिरता शामिल है l वर्तमान में, मधुबनी जिले के बाबूबरही को कृषि विभाग द्वारा कोई भी राहत प्रदान नहीं की जा रही है। जिससे स्थानीय किसानों के मन में रोष है। इसके अलावा, सरकार के पंजी में किसानों की सूची में कई त्रुटियाँ पाई गई हैं, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। हमने इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय को एक पत्र लिखा है, जिसमें हमने मांग की है कि किसानों की सूची को अपडेट किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी किसानों को सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का पूरा लाभ मिले।
झा ने मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन पत्र में कहां है कि बाबूबाही क्षेत्र संख्या 34 में जो भी किसान सूची बद्ध है, उन्हें भी कृषि सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं l इस स्थिति को सुधारना उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अत्यंत जरूरी है l
इसके साथ ही जिला कृषि पदाधिकारी ,मधुबनी को निर्देशित किया जाय कि किसानों को बिहार सरकार द्वारा प्रदान की गई सभी कृषि सुविधाओं का लाभ सुनिश्चित करें सभी घरों में जाकर छूटे हुए किसानों को सूची बद्ध करें ताकि उन्हें सरकारी लाभ सही तरीके से मिल जाय l किसान संगठनों और सरकार के बीच पुल बनाकर अन्नदाताओं की समस्याओं का समाधान किया जा सकता हैं l इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा ,बल्कि वे अपने अधिकारों का सही से उपयोग करके समाज में एक मुकाम प्राप्त कर सकेंगे l
सरकार को इस मामले में पर्याप्त संवेदनशील दिखानी चाहिए l
किसानों का शोषण,कृषि उपज का उचित दाम न मिलना ,किसानों पर बढ़ता कर्ज,किसानों पर बढ़ते हुए शुल्क ,बिजली के बढ़ते बिल आदि उनके प्रमुख मुद्दे है l लेकिन किसानों की प्रमुख मांगे पूरी होना तो दूर उनकी हालत और खराब होती गई l
” जय जवान जय किसान” ये नारा हम सभी लोगों ने कभी न कभी जरूर सुना होगा l हम ये भी जानते हैं कि हमारा देश कृषि प्रधान देश हैं l हमारे देश की अधिकतर आबादी कृषि पर ही आधारित हैं l इसके बावजूद हमारे अन्नदाता किसान जो देश प्रदेश की तरक्की में सीधे योगदान दे रहे है किसानो की तरक्की पर किसी का ध्यान नहीं है l किसानों को उचित और समुचित सरकारी सुविधाओं को आवाज़ देने और ” जय जवान जय किसान” के नारों को फिर से आवाज़ देने में बाबूबरही विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी एवं समाज सेवी मनोज झा जुटे हुए हैं l