नई दिल्ली।
सचिव तुहिन कांत पांडे ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोमवार को कहा कि रुपये के मूल्य को लेकर कोई चिंता नहीं है
और भारतीय रिजर्व बैंक स्थानीय मुद्रा की अस्थिरता को संभाल रहा है। पांडे ने संवाददाताओं से कहा, “रुपये के मूल्य को लेकर कोई चिंता नहीं है। रुपये में उतार-चढ़ाव को आरबीआई की ओर से नियंत्रित किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि भारतीय रुपया “फ्री-फ्लोट” है
और इस मुद्रा पर कोई नियंत्रण या निश्चित दर लागू नहीं है। उन्होंने कहा कि विदेशी पूंजी के लगातार बाहार जाने के कारण विनिमय दर पर दबाव पड़ रहा है।कनाडा, मैक्सिको और चीन पर ट्रम्प की ओर से टैरिफ लगाए जाने के बाद व्यापक व्यापार युद्ध की आशंका पैदा हो गई है।
इस बीच, सोमवार को शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 67 पैसे गिरकर 87.29 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत और चीन पर 10 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है।
यह कदम विनाशकारी वैश्विक व्यापार युद्ध की ओर पहला कदम है। वर्ष 2025 में भारतीय रुपया 31 दिसंबर 2014 के 85.61 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से 1.8 प्रतिशत कम होकर डॉलर के स्तर पर आ जाएगा। विदेशी पूंजी के लगातार बाहर जाने और तेल आयातकों के बीच डॉलर की निरंतर मांग
और कमजोर जोखिम क्षमता के कारण विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा मजबूत हुआ, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ा।एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शनिवार को पूंजी बाजार में शुद्ध आधार पर 1,327.09 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।
इस बीच, रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि 24 जनवरी को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.574 अरब डॉलर बढ़कर 629.557 अरब डॉलर हो गया। इससे बीते हफ्ते में यह भंडार, 1.888 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 623.983 अरब डॉलर रह गया था।