विदिशा से – कबीर मिशन समाचार पत्र जिला ब्यूरो चीफ विदिशा महाराज सिंह दिवाकर की रिपोर्ट।
ग्रामीण विद्यार्थियों को इकोनॉमी, मार्केट और ग्लोबल सेक्टर के बारे में भी बताएंः कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह.
.एसएटीआई में “ज्ञान संवाद और सहयोगः उज्जवल भविष्य की नींव” का औपचारिक शुभारंभ हुआ..”विद हार्डवर्क एंड डेडीकेशन द स्काई इज द लिमिट फॉर वाट यू केन अचीव इन योर कैरियर ” मतलब कड़ी मेहनत ओर समर्पण के साथ आप अपने करियर में जो हासिल कर सकते हैं,
उसकी कोई सीमा नहीं है। यह ग्रामीण हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री के विद्यार्थियों को समझाना है और अच्छे केरियर में उनकी मदद करना है। यह बात कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह ने सम्राट
अशोक अभियांत्रिकीय संस्थान में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही। वे “ज्ञान, संवाद और सहयोगः उज्जवल भविष्य की नींव” कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि ग्रामीण बच्चे शिक्षा और मेहनत में पीछे नहीं हैं, लेकिन फिर भी पीछे रह जाते हैं क्योंकि उन्हें जानकारियों का अभाव है। यह उनकी गलती नहीं है इसलिए आप अपनी पढ़ाई के साथ-साथ बेहतरीन काउंसलर बनें और जिले के शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री स्कूल के 11वीं एवं 12वीं के
विद्यार्थियों से जानकारियां साझा करें। ना सिर्फ डॉक्टर और इंजीनियरिंग के बारे में बल्कि उन्हें इकोनॉमी, मार्केट और ग्लोबल सेक्टर के बारे में बताएं कि दुनिया में क्या चल रहा है। यह कार्य आप स्वप्रेरणा और स्वयं की संतुष्टि के लिए करें क्योंकि समाज से जो कुछ हमें मिला है उसे समाज को लौटाना भी हम सबकी जिम्मेदारी है।
ग्रामीण विद्यार्थियों को एक बार समझाकर इतिश्री नहीं करना है बल्कि उनके संपर्क में रहें और अपनी मेहनत को सक्सेस स्टोरी बनते देखें। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ।
अतिथियों के अभिनंदन के उपरांत स्वागत भाषण डॉ. आशीष मानोरिया ने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग विद्यार्थियों की यह एक प्रेरणादायक या़त्रा रहेगी जिसमें वे कलेक्टर श्री सिंह के मार्गदर्शन में ग्रामीण विद्यार्थियों और स्कूलों से रूबरू होंगे और ग्रामीण विद्यार्थियों के साथ-साथ स्वयं भी लाभान्वित होंगे।
एमजेईएस सचिव डॉ. लक्ष्मीकांत मरखेड़कर ने कहा इस योजना की बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने प्रशंसा की है और चेयरमेन श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह एवं उनकी टीम को बधाई दी है।
डॉ. मरखेड़कर ने कहा कि हमारे विद्यार्थियों को स्कूलों तक पहुंचाने, वापस लाने और उनकी सुरक्षा का ध्यान प्रशासन के कंधों पर है। उन्होंने सलाह दी कि एसएटीआई में भी एक एडवायजरी बोर्ड बनाकर इन विद्यार्थियों की ट्रेनिंग एवं मॉनीटरिंग की जा सकती है। एसएटीआई निदेशक डॉ. वायके जैन ने कहा कि यह योजना एक सांझा प्रक्रिया होगी, जिससे दोनों पक्षों को लाभ होगा।
आज “ज्ञान, संवाद और सहयोगः उज्जवल भविष्य की नींव” का औपचारिक शुभारंभ हुआ है। उन्होंने जिला प्रशासन और कलेक्टर श्री सिंह का धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने जिले के ग्रामीण विद्यार्थियों के बारे में सोचा और उनके लिए आगे आए।
उन्होंने प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के इंजीनियरिंग विद्यार्थियों से अपील की कि ग्रामीण विद्यार्थियों को आत्मविश्लेषण, करियर विकल्पों, हाईयर कोर्सेस, काम्पटेटिव एग्जाम्स, नौकरी के अवसर, स्किल डेवलपमेंट, कम्युनिकेशन स्किल्स, इंडस्ट्री ट्रेंड्स आदि विषयों की जानकारी उपलब्ध कराएं।
संयुक्त कलेक्टर शशि मिश्रा ने कहा कि एसएटीआई के विद्यार्थियों को स्कूलों तक पहुंचाने और वापस लाने की जिम्मेदारी हमारी होगी। वे बिना किसी दवाब में स्वयं की इच्छा से ग्रामीण विद्यार्थियों की मदद करें और उनकी कैरियर संबंधी शंकाओं का समाधान करें। यदि किसी प्रश्न का जवाब वे नहीं दे पा रहे हों तो उन्हें नोट कर लें और बाद में
कभी स्कूल को री-विजिट करें और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करें। प्रो. केजी किरार ने क्यूमिन्स इंडिया फाउंडेशन की स्कॉलरशिप की जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष एसएटीआई के 35 चयनित विद्यार्थियों को एक-एक लैपटाप, सर्टिफिकेट
और राशि प्रदान की जाना है। पिछले तीन वर्षों में संस्था के 77 विद्यार्थियों ने इस योजना से लेपटॉप, सर्टिफिकेट और कुल 155 लाख रूपये की राशि प्राप्त की है। चयनित 35 विद्यार्थियों को अतिथियों ने लेपटॉप और सर्टिफिकेट प्रदान किये गए।