मुझे रोज बेचते, 2-3 लाख रुपए बोली लगाते: कानपुर की नाबालिग बोली- सलमा ने बचा लिया, लड़कियों की तस्करी का रैकेट पकड़वाया
‘मेरा रोज सौदा होता था। कभी डेढ़ लाख तो कभी ढाई लाख में बेचने की बात होती। मैं मौका मिलते ही जैसे भागी आरोपियों ने पकड़ लिया।
वो तो मेरी जैसी ही कोलकाता की सलमा थी, जिसकी वजह से मैं वहां से निकल सकी। सलमा ने हाथ में ईंट उठा ली। बोली- अगर कोई आगे बढ़ा तो मार दूंगी। उसने रास्ता दिखाते हुए मुझसे कहा कि तुम भाग जाओ।’ये आपबीती कानपुर की उस नाबालिग लड़की की है, जिसे लड़कियों की तस्करी का रैकेट चलाने वाले गिरोह ने जयपुर में बंधक बना लिया था।
नाबालिग को फंसाने वाले आरोपी इस वक्त सलाखों के पीछे हैं। अब पढ़िए, पीड़िता का वो दर्द जो उसने दैनिक भास्कर एप की टीम से बयां किया…पीड़िता बोली- मेरा आरोपी के घर आना-जाना थापीड़िता ने बताया- मेरा नौबस्ता के रहने वाले सौरभ के घर आना-जाना था। वह मुझे अक्सर गिफ्ट
दिया करता था। 29 मार्च को मैं उसके घर गई थी। सौरभ के घर में दो महिलाएं मिलीं, जिन्होंने अपना नाम सुमन और पलक बताया। उन्होंने कहा- हम सौरभ के रिश्तेदार हैं। उन लोगों ने मुझे बाजार चलने के लिए कहा। मैं उनके साथ कार में बैठ गई।रास्ते में उन लोगों ने मुझे पनीर की सब्जी और रोटी खिलाई।
जब मेरी आंख खुली तो खुद को जयपुर में पाया। मेरे सामने गायत्री बैठी थी। वो मुझे दूसरे कमरे में ले गई। जब मुझे होश आया तब तक सौरभ वहां से जा चुका था।गायत्री ने मुझे नारथम नाम के युवक को बेचापीड़ित किशोरी ने बताया- आरोपी गायत्री ने मेरी शादी जबरदस्ती नारथम नाम के व्यक्ति से करा दी। नारथम मुझे जबरदस्ती सीकर ले गया।
वहां पर उसने मेरे से गलत काम किया। मैंने नारथम को धमकी दी कि मुझे मेरे घर वालो के पास छोड़ दे वरना मैं सुसाइड कर लूंगी। दबाव बनाने पर नारथम और उसके लोग मुझे वापस गायत्री के पास छोड़ गए।उसके बाद गायत्री ने मुझे बताया कि सौरभ ने मुझे 1.30 लाख रुपए में बेचा है।
फिर गायत्री ने मुझे नारथम को ढाई लाख रुपए में बेच दिया। गायत्री ने मेरे घर वालों से बात की और कहा कि मुझे ढाई लाख रुपए दे दो। अपनी बेटी को वापस ले जाओ। माता-पिता ने कहा- इतने पैसे हम कहां से लाएंगे। इसके बाद गायत्री ने फोन काट दिया।मारते-पीटते, खाना भी नहीं देते थेपीड़िता ने बताया- गायत्री ने अपने ड्राइवर हनुमान सिंह
से मुझे कमरे मे बंद करने के लिए कहा। उसके बाद इन लोगों ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी। मुझे काफी चोट भी आईं। ये लोग मुझे खाने के लिए भी नहीं देते थे। कहते थे कि अगर बात नहीं मानी तो मुझे जान से मार देंगे। इस पर मैं डर गई और 2 दिन तक वहीं रुकी रही।मुझे दोबारा बेचने की कोशिश की गई7 अप्रैल को
गायत्री के पास महेन्द्र नाम का व्यक्ति मिलने आया। गायत्री को मैंने उससे कहते सुना की ढाई लाख रुपए दो और लड़की को ले जाओ। इतना सुनने के बाद मैं डर गई। वो फिर से मेरा सौदा करने जा रही थी। वहां मेरे साथ सलमा भी थी। सलमा ने बताया- ये लोग मुझे 1 साल से कैद में रखे हैं। मुझे बहुत मारते-पीटते हैं, लेकिन मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगी।
उसने मुझसे कहा कि तुम भाग जाओ। इसके बाद मैं जैसे ही वहां से निकलने के लिए भागी। गायत्री, महेंद्र और हनुमान ने मुझे पकड़ लिया। तभी सलमा ने ईंट उठा ली। कहा- लड़की को छोड़ दो नहीं तो मार दूंगी। फिर मैं वहां से भाग निकली।आश्रम वाले महाराज ने पुलिस को फोन किया मैं वहां से भागकर एक पास के तबेले में ही छिप गई।
पीछे से गायत्री, महेन्द्र का भाई और हनुमान गाड़ी से निकल गए। उस समय कुछ लोगों ने मुझे बचाया और अपने आश्रम ले गए। वहां पर एक महाराज ने मेरी कानपुर में घरवालों से बात कराई।उन्होंने खुद ही बस्सी पुलिस स्टेशन को फोन कर सूचना दी। इसके बाद पुलिस आ गई।
गायत्री व हनुमान को पकड़ लिया। यहां से सूचना मिलने के बाद कानपुर पुलिस पहुंची। दोनों आरोपियों को जेल भेजा।कानपुर पुलिस कैसे पहुंची मानव तस्करी करने वाले गिरोह तकएडीसीपी महेश कुमार ने बताया- किशोरी 29 मार्च को लापता हो गई थी। परिवार वालों ने तब तक कोई जानकारी नहीं दी थी। 7 अप्रैल को किशोरी का फोन आने के बाद परिवार वाले नौबस्ता पुलिस के पास पहुंची।
उनकी शिकायत पर नौबस्ता पुलिस ने FIR दर्ज की।इसके बाद किशोरी के नम्बर की सीडीआर निकलवाई गई। इसमें सौरभ मिश्रा का नम्बर मिला। सौरभ मिश्रा की सीडीआर (काल डिटेल रिपोर्ट) में गायत्री का नम्बर और लोकेशन मिली। राजस्थान के जयपुर की लोकल पुलिस से सम्पर्क कर टीम रवाना की गई। पुलिस वहां पहले से हिरासत में लिए गायत्री और हनुमान को गिरफ्तार कर कानपुर ले आई।
घटना की 2 राज्यों में दर्ज हुई रिपोर्टनाबालिग के अपहरण की घटना में दो राज्यों में रिपोर्ट दर्ज की गई। किशोरी को वादी बनाते हुए बस्सी थाना पुलिस ने 7 अप्रैल को ही पॉक्सो, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम में FIR दर्ज की। वहीं कानपुर की नौबस्ता पुलिस ने भी 7 अप्रैल को किशोरी की मां की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की। किशोरी के बरामद होने के साथ ही नौबस्ता पुलिस ने बाल विवाह प्रतिषेध
अधिनियम व पॉक्सो की धारा बढ़ा दी है।गिरोह में शामिल दूसरी महिला से जेल में मिली थी गायत्रीएडीसीपी साउथ महेश कुमार ने बताया कि गायत्री के साथ इस गिरोह में एक अन्य महिला भी खरीद फरोख्त में शामिल है।
जांच में पता चला है कि गायत्री और दूसरी महिला की मुलाकात जयपुर जेल में 2 साल पहले हुई थी। तभी दोनों में दोस्ती हो गई थी।इस प्रकरण में पुलिस सौरभ मिश्रा, नारथम और दूसरी महिला की तलाश कर रही है। इन तीनों की गिरफ्तारी होने के साथ घटना में और परतें भी खुलेंगी।