प्रदीप कुमार नायक
स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार
मधुबनी जिला बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी एवं समाज सेवी मनोज कुमार झा ने अपने निवास स्थान सररा गांव में एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहां कि भारतीय कृषि के सामने आनेवाली चुनौतियों में पर्यावरणीय,आर्थिक ,संस्थागत और तकनीकी चार मुख्य कारक शामिल है l जलवायु परिवर्तन ,अप्रत्याशित ,संस्थागत और मिट्टी का क्षरण,भेधता में योगदान देता हैं l आर्थिक संघर्षों में कम आय,ऋण पहुंच संबंधी समस्याएं और बाजार में अस्थिरता शामिल है l वर्तमान में, मधुबनी जिले के बाबूबरही को कृषि विभाग द्वारा कोई भी राहत प्रदान नहीं की जा रही है।जिससे स्थानीय किसानों के मन में रोष है। इसके अलावा, सरकार के पंजी में किसानों की सूची में कई त्रुटियाँ पाई गई हैं, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। हमने इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय को एक पत्र लिखा है, जिसमें हमने मांग की है कि किसानों की सूची को अपडेट किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी किसानों को सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का पूरा लाभ मिले।
झा ने मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन पत्र में कहां है कि बाबूबाही क्षेत्र संख्या 34 में जो भी किसान सूची बद्ध है, उन्हें भी कृषि सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं l इस स्थिति को सुधारना उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अत्यंत जरूरी है l
इसके साथ ही जिला कृषि पदाधिकारी ,मधुबनी को निर्देशित किया जाय कि किसानों को बिहार सरकार द्वारा प्रदान की गई सभी कृषि सुविधाओं का लाभ सुनिश्चित करें सभी घरों में जाकर छूटे हुए किसानों को सूची बद्ध करें ताकि उन्हें सरकारी लाभ सही तरीके से मिल जाय l
किसान संगठनों और सरकार के बीच पुल बनाकर अन्नदाताओं की समस्याओं का समाधान किया जा सकता हैं l इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा ,बल्कि वे अपने अधिकारों का सही से उपयोग करके समाज में एक मुकाम प्राप्त कर सकेंगे l सरकार को इस मामले में पर्याप्त संवेदनशील दिखानी चाहिए l किसानों का शोषण,कृषि उपज का उचित दाम न मिलना ,किसानों पर बढ़ता कर्ज,किसानों पर बढ़ते हुए शुल्क ,बिजली के बढ़ते बिल आदि उनके प्रमुख मुद्दे है l लेकिन किसानों की प्रमुख मांगे पूरी होना तो दूर उनकी हालत और खराब होती गई l