कबीर मिशन समाचार धार से मयाराम सोलंकी की रिपोर्ट
जिले की सात सीटों में से कांग्रेस के पांच कद्दावर नेताओं के नाम तो लगभग फायनल है सिर्फ धार एवम धरमपुरी सीटों पर हैं कड़ा मुकाबला
भाजपा ने चार सीटों पर घोषित किए उम्मीदवार, सिर्फ तीन सीटों में फंसा है पेंच
धार। निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में आचार संहिता लागू कर निर्वाचन का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इसके बाद से ही भाजपा व कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारो में भारी बेचैनी महसूस की जा रही हैं और जिले के राजनीतिक विश्लेषकों व आम जनता में कयासो का दौर जारी है। दोनों ही दलों के उम्मीदवारों का अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है। फिर भी कांग्रेस की पांच विधानसभा सीटों में अघोषित उम्मीदवार ही फाइनल होगे। जिनमें दो पूर्व मंत्री कुक्षी से सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल, गंधवानी से उमंग सिंगार व दो वर्तमान विधायक सरदारपुर से प्रताप ग्रेवाल, मनावर से डॉ हीरालाल अलावा के नाम लगभग फायनल हैं।
जबकि बदनावर विधानसभा सीट पर भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए भंवर सिंह शेखावत जो कि कद्दावर नेता माने जाते हैं उनका नाम भी लगभग फायनल हैं। सिर्फ़ दो विधानसभा सीटों पर ही मंथन होना बाकी है। जिनमें प्रमुख रूप से धार विधानसभा सीट से कुलदीप सिंह बुंदेला व मनोज सिंह गौतम के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है। दोनों एकदूसरे के कट्टर विरोधी माने जाते हैं।
इन दोनों उम्मीदवार की सांसे रुक गई है और धडकने बढ़ी हुई है। इन दोनों की आपसी खींचतान, गुटबाज़ी के चलते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तीसरे विकल्प के रूप में पंडित धीरज दीक्षित अधिवक्ता जनता में लोकप्रिय, युवा, अनुभवी, योग्य, साफ स्वच्छ छवि वाले नेता के नाम पर भी विचार कर सकते हैं। इसी प्रकार धरमपुरी विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक पाचीलाल मेढा का विरोध होने के कारण राजुखेड़ी या राजू बेन चौहान में से कांग्रेस उम्मीदवार बना सकती हैं।
भाजपा ने चार सीटों पर घोषित किए उम्मीदवार
धार जिले की सात सीटों में से चार सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। जिनमें धरमपुरी से कालूसिंह ठाकुर, कुक्षी से जयदीप पटेल, गंधवानी से सरदार सिंह मेढा, बदनावर से मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को घोषित कर दिया गया है। सिर्फ तीन सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। जिसमें धार विधानसभा सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा की धर्म पत्नी श्रीमती नीना वर्मा तीन बार की विधायक बनी हुई है। पार्टी अब उम्र व तीन बार की पूर्व विधायक होने के कारण चेहरा बदलने की रणनीति पर काम कर रही है।
जिसमें हिंदू नेता अशोक जैन व पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव यादव का नाम प्रमुखता से चल रहा है और विक्रम वर्मा के प्रयास सफल नहीं हुए तो वह दिलीप पटोंदिया या करण सिंह पंवार का नाम आगे कर सकते हैं। इसी प्रकार भाजपा सरदारपुर विधानसभा की हारी हुई सीट पर बड़ी ही गंभीरता से विचार कर रही हैं। सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में आधा दर्जन उम्मीदवार जोर आजमाइश कर रहे हैं। जिनमें प्रमुख रूप से पूर्व विधायक वेलसिंह भूरिया या उनकी धर्मपत्नी श्रीमती जमुना भूरिया का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है।
अन्य दावेदारों में सरदारपुर के तत्कालीन एसडीओपी राम सिंह मेढा, युवा नेता राकेश पटेल, संजय बघेल, मुकाम सिंह निगवाल आदि के नाम प्रमुखता से चल रहे हैं। इसी प्रकार मनावर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री श्रीमती रंजना बघेल और युवा नेता शिवराम कन्नौज के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है।