उज्जैन 13 दिसम्बर। मंगलवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जिला पंचायत सभागार में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध, प्रतितोषण) अधिनियम-2013 हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया I कार्यक्रम की अध्यक्षता ज़िला विधिक सहायता प्राधिकरण,ज़िला न्यायालय सचिव श्री अरविन्द कुमार जैन द्वारा की गयी I श्री जैन ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित ज़िले के विभिन्न विभागों की आन्तरिक समिति के सदस्य एवं अध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में सभी को सजग रहने की आवश्यकता है, महिलाओं की सुरक्षा एवं हित के लिए संसद द्वारा कई सारे कानून बने है ,न्याय पालिका द्वारा कानून के उन प्रावधानों को लागू भी करवाया जाता है किन्तु उनका लाभ हमे तभी मिलेगा जब हम जागरूक होंगे I
साथ ही यह भी कहा कि दोषी को बचाना नहीं व निर्दोष को बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए I महिलाओं में बहुत सहनशक्ति होती है ,किन्तु सहन करने की सीमा होती है ,जब उसके साथ अत्याचार बढ़ जाये तो उसे आवाज उठाना चाहिए ,कानून उनके साथ है I
कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ सुश्री अनूपा,कार्यक्रम मैनेजर पहल जन सेवा संस्थान इंदौर द्वारा महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण ,प्रतिषेध ,प्रतितोषण) अधिनियम 2013 के प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा कि कार्यस्थल में सरकारी विभाग ,स्वयंसेवी संस्थान ,सहकारी संस्थान,निजी क्षेत्र -कंपनी ,हॉस्पिटल ,नर्सिंग होम,खेल विभाग ,काम्प्लेक्स,शिक्षण संस्थान तथा वे सारे स्थान शामिल है जहाँ नौकरी के दौरान एक कर्मी दौरा करती है I यहाँ तक की यातायात के वे सभी साधन भी शामिल है जिन्हें मालिक के द्वारा उपयोग कराया गया है | असंगठित क्षेत्र ,निजी उद्यम ,घर (जहाँ कम से कम लोग काम करते हैं )I अधिनियम में 2 समितियों आन्तरिक समिति एवं स्थानीय समिति का उल्लेख किया गया है I दोनों समितियों की अध्यक्ष महिला ही होगी I यह समिति 3 वर्ष के लिए गठित होगी I नियोक्ता की ज़िम्मेदारी होगी कि वो कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करवाए ,शिकायत समिति एवं दांडिक प्रक्रिया की जानकारी सहज दृश्य स्थान पर प्रदर्शित करे I अधिनियम में नियोक्ता के लिए प्रावधानों का पालन न करने पर पहली बार गलती होने पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना व दूसरी बार घटना होने की स्थिति में जुर्माने की दुगुनी होकर कार्य का लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा I
जिला कार्यक्रम अधिकारी म.बा.वि. श्री साबीर अहमद सिद्दीकी द्वारा बताया गया कि जिस महिला के साथ कार्यस्थल पर गलत व्यव्हार हो रहा हो वो चुप न रहे ,सामने आकर दोषी को सजा दिलवाए I महिला की इसमें कोई गलती नहीं होती गलत वो इंसान है जिसने गलत व्यवहार किया है I साथ ही इस अधिनियम में झूठी शिकायत के लिए भी सजा का प्रावधान है जिसमे कि कार्यालयीन नियमो के तहत कार्यवाही की जाएगी I अधिनियम अंतर्गत शिकायत होने पर 90 दिन में समिति द्वारा जाँच पूरी करने का प्रावधान है I प्रशिक्षण सत्र में 150 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया I कार्यक्रम का संचालन म.बा.वि. उज्जैन की विधि सह परिवीक्षा अधिकारी श्रीमती प्रियंका त्रिपाठी द्वारा किया गया | परियोजना अधिकारी श्रीमती मीना निगम, श्री मनोज त्रिवेदी,श्रीमती प्रीती कटारा ,श्रीमती अर्चना दलाल एवं आंकड़ा विश्लेषक श्री पंकज सिंह कुशवाह ,परामर्शदाता श्रीमती मृणाल भिलाला, सामाजिक कार्यकर्ता श्री गौरव मित्तल, आउटरिच कार्यकर्त्ता श्री शिवराम शर्मा अन्य उपस्थित थे |