ग्राम पंचायत गुरला में सचिव एवं पंचायत के अन्य जिम्मेदारों ने कर दिखाया कारनामा बिना निर्माण कार्य के ही निकाल लिए लाखों रुपए
लापरवाही अंधेरी कोठरी चौपट राजा कहावत को अंजाम दे रही ग्राम पंचायत गुरला
उज्जैन जिले के उन्हैल क्षेत्र के ग्राम पंचायत गुरला में सचिव एवं पंचायत के अन्य जिम्मेदारों ने कर दिखाया कारनामा बिना निर्माण कार्य के ही निकाल लिए लाखों रुपए ग्रामीण हैरान व परेशान उन्हेल खाचरोद जिले की जनपद पंचायत उन्हेल के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गुरला इन दिनों लगातार सुर्खियों में बनी हुई है वह इसलिए क्योंकि पंचायत के जिम्मेदार सचिव सहित अन्य लोगों ने बड़ा कारनामा कर दिखाया और बिना निर्माण कार्य किए ही पंचायत के खाते से लाखों रुपए की हेरा फेरी कर दी जब इस विषय में ग्रामीणों को अवगत हुवा तो ग्रामीण भी काफी हैरान हो गए.
जिसको लेकर पंचायत के उपसरपंच सहीत ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार की पोल मुख्यमंत्री सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की वैसे तो किसी न किसी कारण से गुरला पंचायत लगातार सुखि॑यों मैं बनी रहती हैं लेकिन इन दिनों कुछ ज्यादा ही लोगों की जुबान पर छाई है और वह इसलिए कि वहां के सचिव सहित अन्य जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ने ऐसे विकास की पटकथा लिखी कि ग्रामीणों से लेकर अधिकारी कर्मचारी तक अपना मुंह बंद नहीं रख पा रहे आइए जानते हैं निम्न बिंदु के आधार पर कि किस तरह से बिना निर्माण कार्य किए ही निकल गई राशि
1.नवनिर्वाचित सरपंच मोहब्बतसिंह के घर से टीकमसिंह घर तक वेस्टिज पानी के लिए पाइप निर्माण कार्य किया जो 42 हजार 9 सों रु आहरित की गई जब मीडिया के प्रतिनिधि द्वारा जाकर देखा तो अपने निजी घर के बाहर पाइप डाला गया
2. घनश्याम के घर से भारत के घर तक नाली निर्माण कार्य के लिए राशि 2 लाख 50 हजार निकाले लेकिन धरातल पर निर्माण कार्य नहीं हुआ
3. गांव को रोशन करने के लिए 75. एलईडी फ्लैश लाइट लगाई गई जिसकी राशि निकाली गई 80 हजार चार रु जो धरातल पर आज तक बंद है
4. कमला बाई के घर से तेजू घर तक 1लाख 40हजार निकाली जो धरातल पर निर्माण कार्य नहीं हुआ
जब ग्राम पंचायत सचिव धर्मेंद्र पाटीदार से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा राशि विकास कार्य को लेकर आहरित की गई है जल्द ही कार्य विकास करेंगे एवं जब मीडिया के प्रतिनिधि सचिव से चर्चा की गई कि गांव को रोशन करने के लिए कितनी लाइट लगाई गई है और कहां कहां लगाई गई इसकी जानकारी बताइए सचिव ने कहा कि हमारे द्वारा गांव में लाइट लगाई लेकिन ग्रामीणों ने निकाली गई है.
जब इस संबंध में ग्राम पंचायत उपसरपंच जानकारी चाहे गई तो उनके द्वारा बताया गया कि हमारे पास कोई भी रिकॉर्ड नहीं है और ना ही उक्त निर्माण कार्य हुए हैं वही की वास्तव में राशि आहरित है और निर्माण कार्य कुछ भी नहीं हुआ है इसकी निरपेक्षता पूर्वक जांच होना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार की पोल सीएम हेल्पलाइन पर खुली ग्रामीण कहते हैं कि हमारे द्वारा गांव में हो रहे विकास कार्य को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर भी कर दी है लेकिन सचिव द्वारा शिकायत वापस लेने को लेकर ग्रामीणों पर दबाव बनाते हैं एवं जनपद सीईओ तक अवगत करा दिया है लेकिन अभी तक हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई गुरला ग्राम पंचायत मैं देखने को मिला इससे साफ तौर पर समझा जा सकता है कि अधिकारी के द्वारा मिलीभगत कर किस प्रकार राशि का बंदरबांट किया जाता है हालांकि हम इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं कि अधिकारी की मिलीभगत थी कि नहीं जिस प्रकार से गुरला पंचायत का राशि का बंदरबाट देखने को मिल रहा है.
अगर इस मामले को वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा संज्ञान में लिया जाए और जांच की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा पूरी जानकारी प्राप्त होने के बाद यह तो स्पष्ट हो रहा है कि दाल में कुछ काला नहीं पूरी दाल ही काली है तो क्या ऐसे कर्मचारियों पर विकास खंड अधिकारी या जिला प्रशासन कार्रवाई कर भ्रष्टाचार हुए राशि को वापस लेगी या जनता के खून पसीने की कमाई भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ती रहेगी बड़ा और अहम सवाल है देखना दिलचस्प होगा कि खबर प्रकाशन के बाद जिले के वरिष्ठ अधिकारी या जनपद के अधिकारी संज्ञान लेते हैं या ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है वहीं सूत्रों की माने तो संबंधित भ्रष्टाचार करने वाले राजनीतिक पकड़ में