एक अप्रैल से 6 अप्रैल तक पौराणिक फिल्मों का अन्तर्राष्रीकाय महोत्सव भी आयोजित होगा, विक्रमोत्सव में पश्चिम बंगाल का पुरलिया छाऊ नृत्य व म.प्र. के गोण्ड ठाट्या नृत्य की प्रस्तुति होगी, दर्शक भक्ति गायन से लेकर वेद अंताक्षरी का भी आनन्द ले सकेंगे, गुड़ी पड़वा पर शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम में रामघाट पर 25 लाख दीपक जलाये जायेंगे
उज्जैन 17 जनवरी। आगामी एक मार्च से 9 अप्रैल तक उज्जैन जिले में विक्रमोत्सव का आयोजन किया जायेगा। एक मार्च से 9 अप्रैल तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। 8 मार्च को विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना हेमा मालिनी द्वारा शिव पर केन्रिन्त नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दशहरा मैदान में की जायेगी। वहीं एक अप्रैल से 6 अप्रैल तक त्रिवेणी सभागार एवं विक्रम कीर्ति मन्दिर में पौराणिक फिल्मों का अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव भी आयोजित किया जायेगा, जिसमें एशिया, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीकी देशों की पौराणिक फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा। इस बार विक्रमोत्सव में पश्चिम बंगाल का प्रसिद्ध पुरलिया छाऊ नृत्य एवं मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध गोण्ड ठाट्या नृत्य की प्रस्तुति भी की जायेगी। दर्शक भक्ति भावना से अभिभूत होंगे, क्योंकि विक्रमोत्सव में भक्ति गायन से लेकर कृष्ण एवं भगवान श्रीराम पर आधारित नाटक का भी प्रस्तुतीकरण होगा। विश्व पटल पर अवन्तिका विषय पर विमर्श भी होगा तथा महर्षि सान्दीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान में वेद अंताक्षरी का भी आयोजन किया जायेगा। 9 अप्रैल को गुड़ी पड़वा पर महाकाल शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम के तहत रामघाट पर 25 लाख दीपक जलाये जायेंगे। विक्रमोत्सव के कार्यक्रम को अन्तिम रूप देने के लिये बुधवार को संभागायुक्त डॉ.संजय गोयल की अध्यक्षता में विक्रमोत्सव समिति की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में सांसद श्री अनिल फिरोजिया, महापौर श्री मुकेश टटवाल, उज्जैन उत्तर विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, पुलिस महानिरीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर श्री नीरज सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन शर्मा, विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक डॉ.श्रीराम तिवारी, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति श्री अखिलेश पाण्डे, श्री विवेक जोशी, श्री संजय अग्रवाल सहित सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे।
संभागायुक्त डॉ.गोयल ने निर्देश दिये कि विक्रमोत्सव के सफल आयोजन के लिये सभी सम्बन्धित विभाग अपना अभूतपूर्व सहयोग प्रदान करेंगे। विक्रमोत्सव में स्थानीय प्रतिभाशाली कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर दिया जायेगा।
बैठक में रूपरेखा बनी कि एक मार्च को कार्यक्रम शुभारम्भ से पहले कलश यात्रा निकाली जायेगी। विक्रम व्यापार उद्योग मेला लोकरंग का आयोजन किया जायेगा। इसी दिन वैदिक घड़ी एवं विक्रम पंचांग का लोकार्पण भी किया जायेगा। साथ ही आर्ष भारत एवं अन्य प्रकाशन तथा महादेव मूर्तिकला की कार्यशाला का भी आयोजन किया जायेगा। महादेव मूर्तिकला कार्यशाला को स्थाई रखने का प्रयास किया जायेगा। एक मार्च को सम्राट विक्रमादित्य अलंकरण समारोह भी आयोजित किया जायेगा, जिसमें सुप्रसिद्ध कलाकारों को सम्मानित किया जायेगा। 6 मार्च को बिड़ला भवन में आर्ष भारत, पुनर्नवा उज्जयिनी एवं विक्रमकालीन मुद्रा एवं मुद्रांक पर आधारित प्रदर्शनी लगाई जायेगी। चौरासी महादेव प्रदर्शनी एवं रामायण पर केन्रिकोत नृत्य नाटिका की भी प्रस्तुति की जायेगी। महाकाल मन्दिर प्रबंध समिति के सहयोग से मन्दिरों में प्रभु श्रृंगार प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जायेगा।
11 मार्च को कालिदास अकादमी परिसर में श्रीकृष्ण लीला नृत्य पर आधारित लोककला का प्रदर्शन होगा। कालिदास अकादमी में श्रीकृष्ण पर आधारित प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, भक्ति गायन की प्रस्तुति होगी। इसी दिन उड़ीसा राज्य का प्रसिद्ध गोटीपुआ नृत्य जो भगवान श्रीकृष्ण पर आधारित है, की प्रस्तुति होगी। आसाम का सत्रिया रास एवं उज्जैन के कलाकारों द्वारा श्रीकृष्ण नृत्य नाट्य की प्रस्तुति दी जायेगी। 12 मार्च को कुचिपुड़ी नृत्य, झारखण्ड का छाऊ नृत्य, उत्तर प्रदेश का होली मयूर एवं चरखुला नृत्य की प्रस्तुति होगी। 13 मार्च को श्रीकृष्ण पर आधारित भक्ति गायन, महारास, यक्षगान, मयूरभंज का छाऊ नृत्य, कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी। 14 मार्च को बांसुरी वादन, अहिराई लाठी नृत्य एवं श्री जगन्नाथ प्राकट्य लीला की प्रस्तुति दी जायेगी। 15 मार्च को श्री टीकम जोशी द्वारा श्रीकृष्ण पर आधारित कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जायेगी। 16 मार्च को पिया सांवरे, 17 मार्च को कृष्णायन, 15 से 17 मार्च तक कालिदास अकादमी संकुल में अन्तर्राष्ट्रीय इतिहास समागम, 18 से 19 मार्च तक विक्रम कीर्ति मन्दिर एवं डोंगला में राष्ट्रीय विज्ञान समागम, 19 से 22 मार्च तक त्रिवेणी संग्रहालय में भक्ति संगीत के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
एक से 7 अप्रैल तक विक्रम नाट्य समारोह के अन्तर्गत कर्ण, अंधायुग, अवंतिशौर्य, हमारे राम, चाणक्य, रानी दुर्गावती, रानी अवंतिकाबाई पर आधारित नाट्य का प्रदर्शन होगा। रामायण एवं महाभारत पर आधारित प्रस्तुति में पहली बार बाली इंडोनेशिया, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस, श्रीलंका, थाईलेंड, फिजि, मलेशिया, म्यांमार आदि से कलाकारों को प्रस्तुति देने के लिये अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही इरान, इराक, अफगानिस्तान एवं बांगलादेश से भी पारम्परिक नृत्य की प्रस्तुति देने के लिये संस्कृति विभाग के माध्यम से वहां के कलाकारों के लिये अनुरोध भिजवाया गया है। 7 से 8 अप्रैल तक अखिल भारतीय वेद सम्मेलन का आयोजन महर्षि सान्दीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान में किया जायेगा। इसके अलावा बोलियों पर आधारित कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया जायेगा। 8 अप्रैल को कवि सम्मेलन का आयोजन घंटाघर चौराहा पर किया जायेगा, जिसमें ख्यातिप्राप्त कवियों को आमंत्रित किया जायेगा। 9 अप्रैल को गुड़ी पड़वा पर सूर्योपासना एवं महाकाल शिवज्योति अर्पणम कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, जिसमें रामघाट पर इस वर्ष 25 लाख दीपक जलाये जायेंगे। 9 अप्रैल को उज्जयिनी गौरव दिवस का भी आयोजन किया जायेगा। इस दौरान प्रसिद्ध गायक जुबीन नोटियाल एवं उनके दल द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी। इसी दिन विक्रमोत्सव का समापन भी होगा।
विक्रम व्यापार उद्योग मेला लोकरंग
विक्रमोत्सव के दौरान ही विक्रम व्यापार उद्योग मेले का आयोजन भी किया जायेगा। यह मेला भी एक माह तक लगेगा। बताया गया कि ग्वालियर व्यापार मेला की तरह ही विक्रम व्यापार उद्योग मेले को भव्य रूप प्रदान किया जायेगा। व्यापार मेले के लिये जमीन का चिन्हांकन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री नीरज सिंह ने बताया कि उद्योग विभाग एवं एमएसएमई विभाग के अधिकारियों के समन्वय से मेले का आयोजन किया जायेगा। मेले में इलेक्ट्रीक एवं व्हीकल, ऑटोमोबाइल के अलग-अलग सेक्टर रहेंगे। सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने सुझाव दिया कि शिप्रा क्रिकेट अकादमी में मेले का आयोजन किया जाये। कालिदास अकादमी में हैंडीक्राफ्ट एवं हैंडलूम की दुकानें लगाई जाये। हथकरघा उद्योग को भी प्रोत्साहन देते हुए भैरवगढ़ प्रिंट, चंदेरी एवं महेश्वरी साड़ी को भी जगह मिले। विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा ने कहा कि उज्जैन सीएम सिटी के रूप में जानी जाती है। अत: मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप ऑटोमोबाइल और अन्य प्रोडक्ट की भी प्रदर्शनी लगाई जाये। सभापति श्रीमती कलावती यादव ने कहा कि व्यापार मेले में आने वाले व्यापारियों की सूची अभी से तैयार कर ली जाये। साथ ही दुकानों का आवंटन ऑनलाइन ही किया जाये। श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि मेले का वातावरण ग्वालियर व्यापार मेले जैसा हो और उसमें लोकल प्रोडक्ट को विशेष स्थान दिया जाये।