सोनकच्छ कबीर मिशन समाचार सुनील चौहान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के महत्त्वाकांक्षी जल गंगा जल संवर्धन अभियान” में ऐसे काम किए जाएँ कि हर गाँव पानी के मामले में आत्मनिर्भर बन सकें। गर्मियों के मौसम में यह काम अच्छे ढंग से किया जा सकता है। यह बात अमृत संचय अभियान टीम के श्री मनीष वैद्य ने कन्नौद और बागली जनपद पंचायत में विकासखंड के सरपंचों को “जल गंगा जल संवर्धन”
में जल संरचनाओं के निर्माण के लिए तकनीकी प्रशिक्षण देते हुए कही। इसके अलावा देवास में टीम की समन्वयक डॉ समीरा नईम तथा विपिन पंड्या ने, बागली में मनीष वैद्य, हिमांशु कुमावत तथा सुनीता कौशल ने और सोनकच्छ में कृपाली राणा और
अरुण चौधरी ने जल संरचनाओं के निर्माण में तकनीकी बारीकियों तथा मानक मापदण्ड के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण में वक्ताओं ने कहा कि सरपंच अपने कार्यकाल में ऐसी सस्टेनेबल जलसंरचनाएँ बनाएँ कि वे पीढ़ियों तक उनके कार्यकाल की यादों में रहे। थोड़ी सी
तकनीकी जानकारी होने से इन संरचनाओं से हम बेहतर जल संचय कर सकते हैं।अमृत संचय अभियान की टीम की समन्वयक डॉ समीरा नईम और भूजल वैज्ञानिक हिमांशु कुमावत ने क्षेत्र में भूजल के अति दोहन पर चिंता जताते हुए जल सरंचनाओं के निर्माण पर ज़ोर दिया।
टीम की सदस्य कृपाली राणा और सुनीता कौशल ने भी पानी बचाने के तौर-तरीकों तथा संरचना में तकनीकी पक्ष पर ज़ोर दिया।मप्र सरपंच संगठन के उपाध्यक्ष नाथूसिंह सैंधव ने
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के इस महत्त्वपूर्ण अभियान में सभी सरपंचगणों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र में बेहतर जल संरचनाएँ बनाएँ और देवास को प्रदेश में जल संरक्षण में अव्वल बनाएँ।